Anvit Kumar   (अन्वित कुमार)
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The Only one Anvit Kumar
📍Bihar ( India ) 🇮🇳
Joined 7 June 2019


The Only one Anvit Kumar
📍Bihar ( India ) 🇮🇳
Joined 7 June 2019
19 JAN AT 16:30

ये इधर उड़ी
वो उधर उड़ी
आपस में लड़ती पतंग
इधर गिरी उधर गिरी
आपस में कटती पतंग
बच्चे दौड़े इधर उधर
कहां ये फंसी पतंग
हुई लड़ाई बच्चों में
फिर, ये मेरी पतंग
है, वो मेरी पतंग।

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19 JAN AT 16:12

जिन्हें लगता था
न जी पायेंगे
उनके बिन
मर भी कहां पाए
वो उनके बिन
वो ज़िंदा तो है
मगर इक लाश है
लाश भी कभी
जिंदा हुआ है ?
रूह के बिन।

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6 JAN AT 6:59

तुम्हे याद करके
मन नहीं थकेगा
तुम चले गए
अब मन नही लगेगा।

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14 OCT 2023 AT 16:10

संस्कृति का हाथों से
आभा बांधते हैं
जब कलाइयों में,
कलावा बांधते हैं।

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28 JUL 2023 AT 18:05

तुम पढ़ लो साहित्य
प्रेम पद्य, प्रेम गद्य
मगर प्रेम का आभास
तो तब होगा तुम्हें
जब वो लिखेगा और
तुम पढ़ोगी प्रेम पत्र।

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27 JUL 2023 AT 21:42

मुख है जिनके उनके जैसे
जिनके सप्त-सयंदन
जितने पुष्प मढ़े है इसमें
मानों हर दल में कुंदन
जिसने भी ये पुष्प है भेजे
उन्हें बार बार अभिनंदन।

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26 JUL 2023 AT 13:32

आंखो में निशां काजल के,
बरसती है, ये अंखियां, मेरे
जैसे हो, बादल सावन के।

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24 JUL 2023 AT 12:57

ये कैसी विडंबना
देखती है नज़रे
ये कैसा औचित्य,
मकानों में जूते
सड़कों पे साहित्य।

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1 JUL 2023 AT 13:07

रोना पड़े तो ढूंढना होगा
वो कमरा, जहां कोने में
बैठकर रो सको तुम।

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12 APR 2023 AT 15:16

दहकते शोलों में अब ठंडक पड़ गई हैं
कैसे देखूं उनका चेहरा
अब इन चेहरों में घूंघट पड़ गई हैं।

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