Anvesh Mishra   (अन्वेष मिश्र 'मुकुल')
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Joined 2 August 2019


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Joined 2 August 2019
2 MAR AT 0:27

इन्हीं हाथों में हाथ रखकर
सात जन्मों का वचन कराया हैं,
इन्हीं हाथों से तेरा हाथ पकड़
दो महीना जान बचाया हैं।

इन्हीं हाथों से लड़े भी हम तुम
इन्हीं हाथों से बाल सहलाया हैं,
इन्हीं हाथों पकड़ कर तुमको
खुद को खुद से मिलवाया हैं।

इन्हीं हाथों से सेवा की तुम्हारी
इन्हीं हाथों से तुम्हें खिलाया हैं,
इन्हीं हाथों को गाल पर रखकर
मैंने दुनिया को गले लगाया हैं।

इन्हीं हाथों में कुछ भी नहीं अब
इन्हीं हाथों से तुमको गवाया हैं,
इन्हीं हाथों को देख-देख
मृत्यु को गृह बुलवाया हैं।

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30 JAN AT 17:06

कहाँ हैं प्रभु कुछ तो कृपा करे
मैं रुख़सत हो जाऊं उससे पहले मेरी माँ को रिहा करे

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17 JAN AT 17:25

खो चुका हूँ सब कुछ मैं सब कुछ खोया पर याद नहीं
माँ खोया फिर जान खोई खोया खुद को पर याद नहीं

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14 JAN AT 18:07

आंसू पोंछते पोंछते थक कर सो गया मैं
अब भी कुछ बाकी हैं क्या
तुम कहती थी छोड़ दूंगी छूट गया मैं
अब भी कुछ बाकी हैं क्या
पागल कहते कहते पागल हो गया मै
अब भी कुछ बाकी हैं क्या
तुम कहती थी मर जाऊंगी मर गया मैं
अब भी कुछ बाकी हैं क्या

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11 JAN AT 19:27

गर मैं मर भी जाऊं तुम आओगे क्या
मुकाम ये आखिरी हैं तुम बचाओगे क्या
सवाल आखिरी हैं चंद बचे सीने में
तुम जवाब दे पाओगे क्या
माना गलत हूँ मैं अनेक बार
मेरी एक भी गलती माफ कर पाओगे क्या
सच बोलो रिश्ते में कुछ भी बाकी नहीं
प्यार हैं कितना हैं तुमसे एक आखिरी हिसाब लगाओगे क्या
सच बोलो, गर मैं मर भी जाऊं तुम...

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3 JAN AT 22:00

मुझको भी देदो तुम वो move on का pill
ताकि कर सकूं अपनी ख़ाली जिंदगी मैं fill (महफिल)
क्या ही बोलूँ मुझे कुछ भी होता नहीं feel है
तेरे बिन जीना जैसे सीने में एक कील हैं
फट गई मेरी मैं खुद रहा सिल
देखो कैसे बढ़ गया metaphor skill

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10 NOV 2024 AT 18:13

मनोबल हैं टूट चुका हालातों ने नोचा हैं
रूह मर चुकी कब कि मेरी सांस महज एक धोखा हैं
चोगा हैं खुशियों का मेरे जिसको ओढ़े बैठा हूँ
बंद सलाखों के पीछे मैं माँ को रोते देखा हूँ

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8 SEP 2024 AT 0:23

दिल में इतना छेद हुआ हैं कोई भला भर पाएगा
कल के इंतजार में 'मुकुल' कल आकर चला जाएगा

तुम लाख दिलासा देदो चाह कर भी क्या कर पाऊंगा
हाथों में मेरे कुछ नहीं इनको मलता रह जाऊंगा

गुमसुम सी माशूक हैं मेरी मैं भी गुम हों जाऊंगा
मैं गाऊंगा फिर गीत अपना चुपचाप से सो जाऊंगा

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31 MAR 2024 AT 15:35

ना हिमाकत हैं ना बेवकूफी हैं मेरी जान जो रूठी हैं
लगता हैं हम खुश हैं बहुत ये अफवाह बिल्कुल झूठी हैं

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31 MAR 2024 AT 13:44

मुझे चूर-चूर कर दे वो पर ऑंखें ना उसकी नम करना,
उसकी जिंदगी का हर दुःख और मेरी साँसे कम करना...

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