तेरे और मेरे मन के जब तार मिले..…..
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कभी कल्पना से सजाते है, कभ... read more
हों चाहें कितनी भी पथरीली राहें
मिलें हमको खुशियां या ग़म की पनाहे
कोई और साथ रहना चाहे न चाहे
है तुमसे गुज़ारिश कि तुम पास रहना..
तुम मेरा हाथ पकड़ कर रखना..।
बिना तेरे अब मुझको जीना नहीं है
कोई ख़्वाब अब यूँ पिरोना नहीं है
मेरा सारा जीवन किया नाम तेरे
मेरी वफ़ा पे कभी श़क ना करना..
है तुमसे गुज़ारिश कि तुम पास रहना..।
मिले बिन तुम्हारे मन में बसी मैं
बिन फेरे तेरी सुहागन बनी मैं
माना है मैने तुम्हे अपना सबकुछ
तुम भी जिंदगी में मुझे ख़ास रखना..
है तुमसे गुज़ारिश कि तुम पास रहना
बस मेरा हाथ पकड़ कर रखना...।।(Anu)-
लोग कहते हैं कि जिन व्यथाओं को किसी से बांटना संभव न हो
उन्हें पन्नों पर उतार देने से मन को सुकून मिल जाता है।
लेकिन उन व्यथाओं का क्या
जिन्हें पन्नों पर लिख पाना भी संभव न हो।
उनसे मुक्ति कैसे मिले...
क्या है कोई युक्ति...
या फिर वे यूं ही रहेंगे जीवन भर
मन के किसी कोने में
ताज़े हरे ज़ख्म की तरह
जो हर पुरवाई पर सील उठते हैं
हां, कुछ ज़ख्म कभी नही भरते हैं....।।(Anu)-
पतझड़ के मौसम का हुआ अंत
लेकर मन में अभिलाषाएं अनंत
चिर-परिचित सी मुस्काने लेकर
आया ऋतुओं का राजा वसंत
आया वसंत...
सरसों की पीली चूनर खेतों में लहराई है
दाड़िम के पेडों पर नई कोंपले आईं हैं
नींबू के फलों से आ रही अप्रतिम सुगंध
रंग-बिरंगे पुष्पों से सज गया हर एक पंथ
आया वसंत...
कान्हा की राधा से मिलने की ऋतु है
एक-दूजे के अनुराग में खोने की ऋतु है
हम भी उनसे कुछ प्रेरणा ले पाएं
साक्षी जिस प्रेम का ये सारा दिग-दिगंत
आया वसंत..(Anu)-
Your good mornings and
my good nights
Your love filled talks and
my didos
Your and my little fights
My goofy and your intelligence
Just like I'm incomplete
without your love
My life won't be complete without YOU....(Anu)-
मुमकिन नहीं
दिल में दर्द कितना है ये बताना मुमकिन नहीं लगता
हमारा दूर तक साथ चल पाना मुमकिन नहीं लगता
आ ही जाती हैं रिवायतें बीच में दुनिया की..
अब भी किसी हीर का रांझें से मिल पाना मुमकिन नहीं लगता
टूटे हैं कई बार जुड़ के फिर से टूटे भी..
मेरा कोई ख़्वाब मुकम्मल होना मुमकिन नहीं लगता
फिर से उसी दोराहे पर आके खड़ी हूं जहां..
किसी एक रास्ते को चुन पाना मुमकिन नहीं लगता
तू पहला न सही आख़िरी प्यार है मेरा..
तेरे बाद किसी और को ये दिल दे पाना मुमकिन नहीं
कहना तो इतना कुछ है कि सुनने में सदियां लगती..
लेकिन अब तो एक लफ्ज़ भी कह पाना मुमकिन नहीं लगता...(Anu)-
तेरे होंठो से लगकर तेरी रूह में उतर जाऊं
तू देख ले बस एक नज़र प्यार से
और मैं संवर जाऊं..
तुझसे तो जोड़ा है बंधन जन्मों-जन्म का
तू ही मुंह मोड़ ले मुझसे तो मैं किधर जाऊं..
बड़ी मुश्किल से समेटा है ख़ुद को
कहीं ऐसा न हो कि तेरी बेरुख़ी से
फ़िर से मैं बिखर जाऊं..
तू थम जा मुझमें घड़ी की सुइयों की तरह
मैं ज़िन्दगी की तरह तुझमें गुज़र जाऊं..
बस इतनी सी चाहत है अब मेरे दिल की
जिधर भी तू देखे
बस मैं ही मैं नज़र आऊं...(Anu)-
जो सीने से लग के रहती है आजकल...
वो और कुछ नही
मेरी ही तन्हाई है....(Anu)-
दिल अब किसी से लगाने से पहले
ज़रा सी अकल भी लगाया करो...
ना कर लो भरोसा यूंही किसी पर,
पहले ज़रा आजमाया करो...
होते हैं बड़े झूंठे-सच्चे वादे
समझो पहले तुम उनके इरादे
अंदर से होते बड़े बेवफा हैं
बाहर से अक्सर जो लगते हैं सादे
अय्यारों से तुम खौफ खाया करो..
दिल अब किसी से लगाने से पहले..
नही होती अब वो दिलों की मोहब्बत
सब चाहते बस जिस्मों की सोहबत
तुमसे उल्फत का दिखावा करेंगे
लूट ले जाएंगे सबकुछ बनके तुम्हारी आदत
सूकूने-दिल अपना यूं न गवाया करो..
दिल अब किसी से लगाने से पहले....(Anu)-
"महादेव"
हे महादेव हे शिव शम्भू...
तेरे चरणों की दासी हूं
मुझे दर्शन दो हे भोलेनाथ.. तेरे दर्शन की प्यासी हूं..
तुम मेरे आराध्य देव मेरे जीवन का अर्थ तुम्हीं,
तुम जो सिर पर हाथ धरो तो फिर ये जीवन व्यर्थ नही,
यूं बसे रहो मुझमें...जैसे मैं तेरी काशी हूं..।
हे महादेव..हे शिव शम्भू..
कोई मेरे साथ रहे ना रहे बस तेरा आशीर्वाद रहे,
कोई हमराह बने ना बने मेरे हाथ में तेरा हाथ रहे,
हो मुझ पर दयाल मेरे शिवाय..
तेरी कृपा की ही आकांक्षी हूं..।
मैं मन से थोड़ी भोरी हूं,
चेहरे से लोगों की फितरत पहचान ना पाती हूं,
हे त्रिलोचन मेरे नेत्र बनो..
केवल इसकी अभिलाषी हूं..।।
Anu-