जब भी कलम उठाती हूँ प्यार लिख जाती हूँ...
जनाब,हर पने में बस यार लिख जाती हूँ...!!-
अब की निकले घर से
तो खो जाएंगे, हलात ऐसे हो गए हैं
कोई पुछ ले अगर हाल हमसे
तो फुट फुट कर रो जाएंगे
कई महीनो से थके हुए है,
कोई दे दे अगर कन्धा अपना
तो बस चैन से सो जायेंगे
अब अगर बैठ कर
किसी को सुनाया भी हाल अपना
तमाशाही शहर में
तमाशा बन कर रह जाएंगे...!-
काश कभी खुद से भी रुबरु हो पाते
तो यूँही अकेले ना हो जाते
औरों के लिए जीते जीते खुद को भुला बैठे
Hayee कैसा ये हम अपना अंजाम कर बैठे
काश हम भी खुद गरज़ बन पाते
तो आज यूँ ही तन्हा ना रह जाते II-
माना की हम अदब से बात नही करते,
पर ये मानो की हम मतलब से बात नहीं करते ।
मीठा लहजा प्यारी बाते बस तेरे लिए,
हम हर किसी से इस लहजे में बात नही करते ॥-
जब भी लड़खराई कस्ती मेरी किस्मत कि
उसने हर बार संभाला है....
बन्दे के रूप में खुदा है वो
जिसने मुझे पाला है...!!
💪🏻पापा💪🏻-
एक दायरे में सिमटे थे हम उन से बाहर निकला आप ने सिखाया
मैं कोन हूं क्या हूं खुद से रूबरू कराया आपने
चलते वक्त जब डगमगाये पैर मेरे
तब उंगली पकड़ कर चलना सिखाया आप ने
हिम्मत नही होती है की गले लगा कर
जताए कितना प्यार करती हूं मैं आप से
इयू तो अकेले ही चलनी है जिंदगी की इस रह पर,
मगर हर मोड़ पर आप मेरे साथ है
ये जिस्म भले ही मेरा हो पर
मेरी रग रग में आप है-
Na nikaha hue na phere
Ki na nikaha hue na phere
Bas inn ehsaso se hum hai tere✨❤-
तोड़ दे मेरी अक्कड़ ।
मुझे जोरसे पक्कड़।।
कुछ देख न पाऊं।
बाहों में ऐसे जक्कड़।।-
जितना तुम्हारा दीदार होगा ,,❤️✨
इश्क़ उतना ही हर बार होगा..!!❤️✨-