सजादो आसमानों का महल,
मेरे ख़्वाब सच होंने का वक़्त आ गया है।।
रात घनी हो रही है हर घंटे प्रति घंटे,
पर साथ- साथ सूबह की रोशनी प्रकाशित होने का
वक्त आ गया है . . . . .-
सफलता पाने का संघर्ष नही।
पर वो ऊपरवाला आपका बस संघर्ष देखेगा
इस... read more
हर बात पे आपसे लड़ने को तैयार बैठा हो;
वो होता है भाई,
हमेशा आपकी टांग खीचने में जिसको मज़ा आता
हो; वो होता है भाई,
वो हैं जिसके लिए आप दुनिया से भी लड़ सकते हो;
वो ताक़त होता है भाई,
कोई है जिसके लिए दुनिया का कोई दुःख छु भी न
पता हो; वो होता है भाई. . . . . .-
आशिको का आशिकी ये हाल-ए-दिल-दिल बया करने का जरिया है,
लड़के तो हमेशा से झांसे में आ जाते है ;
समझदार तो बस ये पापा की परीया है।।
संभल के चलिए गा इस इश्क़ के रास्ते पर जनाब ;
क्योंकि,
आगे मोहब्बत से साथ बोहोत परेशानी यो का आग का दरिया है।।-
दिल की कलम से, मोहब्बत का एलान किया है।
तुम से क्या पूरे जमाने से, मोहब्बत का इल्जाम लिया है।।
फिर भी अगर मेरे प्यार पर तुम्हें ना हो यकीन,
तो तेरी जैसी मेरी जिंदगी मैं कोई आ नहीं सकती।
और फिर नाहि तू आएगी ;
क्योंकि, आखिर सबसे ऊपर मैंने भी अपना सम्मान लिया है।।-
अपना सारा ज्ञान हम को बाट कर हमसे हमारा उज्ज्वल
भविष्य बस चाहा है,
निस्वार्थ भाव से बिना कोई स्वाथ के हम को मदत कर
माँ के बाद अगर किसी ने बतलाया है; तो वो आप लोगो नेही सिखाया है।।
आप अच्छे होतो अच्छे दोस्तो के साथ रहना ये सीख हमे
देकर भी खुद हर बुरे विद्यार्थी को भी उसकी बुराई के साथ अपनाया है।।
इसलिए तो एक व्यक्ति जीवन में कोई एक शैली में ही उत्तीर्ण
हो सकता है, मगर आपने तो हर विद्यार्थी को अच्छी डिग्री
के साथ-साथ एक अच्छा इंसान भी बनाया है।।
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जिनके आगमन मात्र से हर्ष- उल्हास छा जाता है,
जिनके दस दिन की स्वागत-सम्मान की सुनहरी
यादों में पूरा साल निकल जाता है।।
पार्वती नंदन है जो मूषक पर सवार हो आते है,
कुछ ही दिनों में ही हमारे सारे दुख-कष्ट हर कर।।
बस आँखों में आँसू और अगले साल फिर;
आने की आस छोड़ जाते है।।
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प्यार करता हु तुझसे बस बोलने से घबराता हूँ,
वजह इजहार न कर पाने की तुम्हारा डर नही है
सनम।।
बस एक बात है तेरा आशिक़ ज़रा कमजोर दिल
का है,
तूने अगर गलती से भी ना कर दी तो तेरा ये दिल
का मरीज जी नही पाएगा।।-
मुबारक हो तुझे मेरी आशाओ का महल तोड़के
मुस्कुराना,
आज तेरे साथ शायद हस रहा है मुझपे सारा
जमाना,
पर तु खुश न हो ज्यादा सबर रख क्योंकि हर
आदमी का वक़्त पलटता है।।
और हम तो वैसे भी बादशाहत पलटने में विश्वास
रखा करते है।।
तब वो वक़्त जब आएगा ना तू क्या सारा जहाँ
चाहेगा हमे अपनाना।।-
तेरी वज़ह से जिंदगी जीना भूल गया हूं।
फिलहाल,
हमेशा यही चाहत है तू मेरी रहे हर जनम हर साल ।।
एक यही आशा दिल रखे बैठा हु तुम्हारा बस तुम्हारा
कुणाल . . . . .
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हर घर हर्ष-उल्हास छाएगा,
जब जब भगवा लेहरायएगा।।
आशा है आप भी साथ देंगे हमारे इस संकल्प में,
आखिर, इस पावन अवसर को हर कोई मिल केहि
तो मनाएगा।।-