Anurag Vishwakarma   (Shaayar Anurag vishwakarma)
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Joined 11 June 2018


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Joined 11 June 2018
13 FEB 2021 AT 13:31

ग़म से रिश्ता मेरा जोड़ कर चल दिए
बीच मझदार में छोड़ कर चल दिए
गिर के सँभला था दिल ये अभी दोस्तों
फिर से दिल वो मेरा तोड़ कर चल दिए

:©अनुराग विश्वकर्मा

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11 FEB 2021 AT 1:07

मै तुझ पर अपने प्यार की बारिश करता हूँ
सुबह, शाम, दिन, रात तुझे मिस करता हूँ
हाथ पकड़ कर साथ तेरा ना छोडूँँगा
मेरी जान मै तुझसे प्रोमिस करता हूँ

:©अनुराग विश्वकर्मा

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10 FEB 2021 AT 12:24

ये साल तो अपना मेमोरेबल ईयर हुआ
मुद्दा फँसा हुआ था जो वो भी क्लियर हुआ
तुम तो मेरे सीने की हार्ट बीट बन गई
दिल मेरा तुम्हारे लिए टेडी बियर हुआ

:©अनुराग विश्वकर्मा

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10 FEB 2021 AT 10:12

तेरे साथ चलते चलते ख़ुशनुमा सफर हुआ
तेरे इश्क़ का मेरे दिल पे ये कैसा असर हुआ
मै तेरी मुहब्बत में हुआ हूँ यूँ दीवाना
के दिल मेरा ये फिर तेरा टेडी बियर हुआ

:©अनुराग विश्वकर्मा

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9 FEB 2021 AT 21:02

मेरी जानेमन को मेरे संग डेट चाहिए
मिलने पे कोई क़ीमती सी भेंंट चाहिए
वो कॉल करके कह रही है मुझसे बात ये
उसको भी डेरीमिल्क चाकलेट चाहिए

:©अनुराग विश्वकर्मा

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8 FEB 2021 AT 11:40

इस दिल को मैंने उसका पहरेदार कर दिया
पर उसने मेरी बात से इंकार कर दिया
फिर हमने लेके हाथों में गुलाब दोस्तों
सहेली से उसकी प्यार का इज़हार कर दिया

©:अनुराग विश्वकर्मा

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4 FEB 2021 AT 22:18

तेरे नैनों से मै घायल नहीं हूँ
दिवाना हूँ तेरा, पागल नहीं हूँ

महकने का हुनर रखता हूँ लेकिन
मै तेरे ज़िस्म का संदल नहीं हूँ

©अनुराग विश्वकर्मा

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2 FEB 2021 AT 23:21

नहीं मालूम मुझको कौन हूँ मै
कहो ! तुम जानते हो कौन हूँ मै

यहाँ सब मुझको अपना कह रहे हैं
कोई मुझको बताओ कौन हूँ मै

नहीं समझा कभी मुझको ज़माना
तुम्हीं ये बात समझो कौन हूँ मै

अगर तुम चाहते हो मुझसे मिलना
उलझ कर मुझमें देखो कौन हूँ मै

ग़ज़ल किसके लिए है पूछते हो
कभी मुझसे भी पूछो कौन हूँ मै

बहुत मासूम हो "अनुराग" तुम भी
सभी से पूछ्ते, हो कौन हूँ मै

©अनुराग विश्वकर्मा

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13 JAN 2021 AT 22:09

ज़रा समझा करो बातें अभी कुछ कह नहीं सकते
बहुत सूनी हैं ये रातें अभी कुछ कह नहीं सकते

बताएँगे तुम्हें क्या हाल है मेरा तुम्हारे बिन
करोगे जब मुलक़ातें, अभी कुछ कह नहीं सकते

:©अनुराग विश्वकर्मा

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9 JAN 2021 AT 22:09

बढ़ाती हैं पल पल मेरी बेक़रारी
गज़ब कर रही हैं ये आँखे तुम्हारी

तुम्हारी मुहब्बत में पागल हुआ हूंँ
तुम्हीं ने बनाई ये हालत हमारी

सुनी तेरी आवाज़ जैसे ही मैंने
थी जितनी भी बातें भुला बैठे सारी

मिलोगी मुझे तुम किसी रोज़ शायद
इसी सोच में कितनी रातें गुज़ारी

तुम आती नहीं हो अगर मुझसे मिलने
हर इक सांस फिर मुझको लगती है भारी

है अनुराग करता मुहब्बत तुम्हीं से
चलो साथ , अब छोड़ कर दुनियादारी

:©अनुराग विश्वकर्मा

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