पिता संघर्ष की आंधियों में हौसलों की दीवार है परेशानियों से लड़ने को दो धारी तलवार है, बचपन में खुश करने वाला खिलौना है नींद लगे तो पेट पर सुलाने वाला बिछौना है।
पिता एक उम्मीद है, एक आस है परिवार की हिम्मत और विश्वास है..!!
किसी के चले जाने के बाद हम हर पल विश्लेषण करते है उसके चले जाने का ढूंढते रहते हैं एक ऐसा कारण जो हमे संतुष्ट कर सके कभी कभी हम सत्य से अवगत होते है लेकिन फिर भी सभी तर्कों को उस ओर मोड़ने लगते हैं जहा हमे सुकून मिले। नही स्वीकार कर पाते की कोई हमे बस यूं ही छोड़ गया होगा नही स्वीकार कर पाते किसी रिश्ते का खतम हो जाना की शायद उस रिश्ते की हमारे जीवन में उतनी ही उम्र थी ढूंढने लगते हैं वो एक तरीका जिस से सब वैसा हो जाएं जैसा हम चाहते है हमारा दिल और दिमाग दोनों एक दूसरे के विरुद्ध हो जाते है । इतने मनन और चिंतन से निकलने का एक सरल उपाय है स्वीकार कर लेना किसी भी परिस्थिति को स्वीकार कर लेना जिंदगी को सरल बना देती है.... 🖤— % &
शिखा जिनकी धरोहर है तिलक से जो अलंकृत है चमकता भाल दिनकर सा जो अपराधों से वंचित है जो शंभू सा विनाशी है जो विष्णु सा हृदय कोमल हैं जिसमें तेज ब्रह्मा का ब्राह्मण सर्ववंदित है— % &