अपने व्यस्त शेड्यूल से थोड़ा वक्त निकालकर, मोहल्ले की सारी "१०० खबरें १ मिनट" में देने वाली आंटियों को भी , "राष्ट्रीय प्रसारण दिवस" (National Broadcasting Day) की बहुत बहुत शुभकामनाएं। 😍😍
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मैं हूँ इस ब्रम्हांड के चेतन जगत का जीव कोई,
मैं ही हूँ संसार के जंज़ाल में... read more
कब तक बात मयानी, करते जाओगे,
कभी तो तुम भी, दो धारी तलवार बनो,
क्यों शामिल हो भीड़ में, मंचों के पीछे,
मंचों की शोभा के, तुम भी हकदार बनो,
क्या ही होगा एक वोट तुम्हारे देने से,
बन सकते हो तुम भी, "सरकार" बनो,
गलत- सही के साथ खड़ा होना सीखो,
कम से कम तुम इतना तो, खुद्दार बनो।।-
ए चाँद! चल तुझको मिलाता हूँ मैं अपने चाँद से,
पर सोच ले पहले, कहीं तू भागे न मैदान से।।-
उस दिन,
जब तुम खड़े होगे,
सफलता के उच्चतम शिखर पर,
एक बार देखना,
पीछे को मुड़ कर,
तुम पाओगे,
वहाँ तक पहुँचने वाली,
ये जो सीढ़ियाँ हैं,
ये बनीं हैं मिलकर, तुम्हारी,
असफलताओं से।।-
कभी जो छोड़ आए थे, वो कुछ उधड़े हुए लम्हें,
उन्हीं लम्हों को रफू, वो दिन-रात करती है।।-
एक उम्र लगी थी, ख़ुद को इस दुनिया के काबिल करने में,
एक उम्र लगेगी फिर से शायद, ख़ुद को हासिल करने में।।
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शिकवे जो भी हैं हमसे, उन्हें ज़ाहिर हो जाने दो,
तुम्हारे चेहरे की खामोशी, बहुत आवाज़ करती है।।-
नदी किनारे हर शाम दिखने वालों,
नदी जो न रही, क्या फिर भी दिखोगे,
समंदर की गहराइयाँ लिखने वालों,
समंदर ही न रहा, तो क्या लिखोगे?-
कविता क्या है?
सिर्फ कुछ शब्दों को,
लयबद्ध तरीके से पिरो देना!!
अरे नहीं मित्र!
कविता तो,
कागज़ पर रखा मन है,
विचारों का संगम है,
एक कवि का विश्वास है,
धड़कनों का एहसास है।
मुर्दे में आई जान है,
अधरों की मुस्कान है,
आँखों का बहता पानी है,
एक प्यार की कहानी है।
प्रकृति का मधुर गीत है कविता,
और,
वो आखिरी उम्मीद है कविता।।-
हवा में फैला सन्नाटा बता रहा है,
सुरों की रानी ने अलविदा कहा है,
संगीत का हर सुर पूछेगा अब,
दीदी वाली वो मधुरता कहाँ हैं।।— % &-