Anurag Sourav  
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मुसाफ़िर ❤️
Joined 15 March 2018


मुसाफ़िर ❤️
Joined 15 March 2018
2 MAR AT 23:59

दिलों के राहें अब कुछ सुनसान है
अपने ही किरदार से ग़म- गुसार है,

कुछ नजर यूं दीवाने आते हैं
ग़म के सहारे तो कायनात हैं,

न पास होने का एतबार हैं
न‌ ही दूर होने का एतराज़ है
अपने उलझें होने का एहसास हैं,

कैद हैं सुकून साहिब-ए-असरार में
बस बेखबर हूं मैं अपने आप से।

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31 DEC 2023 AT 0:06

आओ में एक एहसास लिख दूं
कुछ बातें में यूं ही खास लिख दूं!

अजनबी से कुछ यूं मिले हैं
अब दूर जाने से भी हम डरते हैं,

साथ रहें तो बातें अच्छी होगी
बिछड़े तो यादें लम्बी होगी,

तेरा होना ही कुछ काफी सा है
हर चुप्पी में तू कुछ राज़ी सा है,

दूर हुए तो याद बहुत आओगे
जरूरत में मुझे पास पाओगे
मेरे दोस्त जो तुम यूं कहलाओगे,

इश्क़ तो‌‌ अब कुछ अधूरा सा है
दोस्ती ही तो अब पुरा सा है,

आओ मैं एक लफ्ज़ कुछ खास लिख दूं
तुझे मैं अपना एक खास ' दोस्त ' कह दूं

- अनुराग

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12 SEP 2023 AT 2:24

मन के अंदर है बंटवारे
बाहर मिलते हैं क्या सवेरे?

खुद से बोलते हो झूठ
फ़रेबी नहीं हो क्या तुम?

अंधी दौड़ में है तू दौरें
जीतने कि है ये हिलोरें?

खुद से खुद का ये युद्ध
लोग ही तो है अंधेरे
फिर क्यों भागते हो खुद से?

ढुंढो तो कुछ पाओगे
यूं ही अंधेरे में जल जाओगे!

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24 JUL 2023 AT 22:48

मैं अगर लिख न सका
तुम्हें पढ़ कर तृप्त हो जाऊंगा,

मैं अगर कुछ कह न सका
तो सुन कर सुकन पाऊंगा,

'शब्द' अगर मेरे नहीं हो सकें
मैं उन पर समर्पित हो जाऊंगा,

एक तरफा ही सही
ये रिश्ता मैं निभाऊंगा,

फ़िक्र करने की बेकरारी में
मैं खुद का जिक्र कर जाऊंगा!

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31 MAR 2023 AT 20:08

सफेद से मेरे इश्क़ पर
लाल दाग़ सी हो तुम,

मेरे ज़हन में बसी हुई
बेज़ार सी एहसास हो तुम,

खामोशियों में
कैद कुछ यादें ही हैं
तेरा जाना भी तो महज़
एक बहाना ही है,

मोहब्बत के रास्तों में
खो जाने का ज़र्फ़ नहीं है
तेरे न होने का अब दर्द भी नहीं है!!

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6 NOV 2022 AT 22:37

न सोचा था कि
हम दूर हो जाएंगे
वादें कर के यूं भूल जाएंगे ,

जो एक पल‌
जुद़ा हुए तो रो देते थे
आज़ यादों के सहारे जिंदा है,

वो किस्से मशहूर
आज़ भी है गलियारों में
बस आप पर‌ हमारा हक़ नहीं हैं,

बातें हो‌ जाती है आजकल
फिर भी पहले वाली बात नहीं है,

मसरूफ है आप जमाने में
दिल दुखा था हमारा भी
जब कहा था वक्त नहीं है,

गैरों से मुकाबला अब नहीं है
हौसला तो अपनों ने तोड़ा है!

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11 AUG 2022 AT 22:15

You are the lines I wrote.
For the bond I sufficed so .

The reality in your reflection
It was aching for me to bear.

Heart being the scariest desert.
Love is the Mirage to be faced.

The hope of things getting better
It shatter my nights into pieces.

You are the poetry so close.
But I don't wanna read it ever.

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6 JUL 2022 AT 14:09

अंधेरे में रौशनी से ख्वाब थे उसके
दुनिया को इस दीवानें की अहमियत कहां थी,

' सुकुन ' वो लफ्ज़ जो कहानियों का हिस्सा थे
बेताब इस दिल को रूहानियत की चाहत थी,

चांद से मोहब्बत करने का ये इल्ज़ाम था
उसके हर दाग को अपना कहना ही गुनाह था,

बुझी हुई महफ़िल में रौनक कहां थी
समां को दोबारा जलानें की इबादत जो कि थी,

किताबों के पन्नों में सिमट गई ये दुनिया थी
ज़माने को अपना कहने कि हैसियत कहां थी!!

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17 JUN 2022 AT 1:09

I desire to join you in the song.
Will you be the same I had so long?

Heart being the scariest desert.
I quench for the love you left .

Being so paranoid some days
I hail to paint my face with smile.

Let's own the scar I wear so often.
I wanna strive the journey with pride.

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31 MAY 2022 AT 0:16

When the pain was infinite.
I felt the calmness within.

I grasped the words dying.
Perceived the world so right.

There was a voidness so deep.
When the tears refused to shed.

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