आओ में एक एहसास लिख दूं
कुछ बातें में यूं ही खास लिख दूं!
अजनबी से कुछ यूं मिले हैं
अब दूर जाने से भी हम डरते हैं,
साथ रहें तो बातें अच्छी होगी
बिछड़े तो यादें लम्बी होगी,
तेरा होना ही कुछ काफी सा है
हर चुप्पी में तू कुछ राज़ी सा है,
दूर हुए तो याद बहुत आओगे
जरूरत में मुझे पास पाओगे
मेरे दोस्त जो तुम यूं कहलाओगे,
इश्क़ तो अब कुछ अधूरा सा है
दोस्ती ही तो अब पुरा सा है,
आओ मैं एक लफ्ज़ कुछ खास लिख दूं
तुझे मैं अपना एक खास ' दोस्त ' कह दूं
- अनुराग
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