Anurag Singh   (अनुराग)
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Joined 15 May 2023


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23 HOURS AGO

बिखरे जज्बातों को
कुछ यू एक साथ करता,
जो में तुम्हारे शहर में होता तो तुमसे बात करता |

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YESTERDAY AT 1:15

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10 JUN AT 22:20

दर्द जो दिया उसने मुझे कैसे कहूं ?

मोहब्बत में उसकी कितना कुछ लिख दिया
उसकी नफ़रतों का शेर मैं कैसे पढ़ू ?

वो आंखे, वो चेहरा,
इन सब पे कितने लफ्ज लिखे
तेरी नफ़रत भरी निगाहें देख कर अब मैं कैसे रहूं ?

तेरी यादो पर कितनी नज़्म निकले इस दिल से
तुझे अब ख्याल भी नी आता मेरे,
ये मैं कैसे सहू ?

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9 JUN AT 21:00

अँधेरे की तरह सूरज में मिट जाउ
होकर मैं खुदा का, खुदा हो जाउ

हसरत काम है मेरी
होने लगी है मेरी पूरी चाहत भी अधूरी

इंतजार मैं
हर शाम दरवाजे पे करूंगा
तेरे होने को मैं खुद को खोकर आऊंगा

डूबा हू सागर गहरा
हर तस्वीर में देख रहा हूँ तेरा चेहरा |

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9 JUN AT 11:49

मुझे किसी और में ढूंढो मत
मैं बस मुझमें जिंदा हूं ,

वो हर बात पे वाह वाह करते हैं
मैं जिन बातों से शर्मिंदा हूं ,

मुझसे है पूछती रूह मेरी
क्यू तू सब में होकर सब में रहता नहीं |

कैसे समझाऊं उसको कि मैं दुनियादारी सेहता नही
बातें वो मेरी इनके सुनने के जो कान नहीं है
सबको देखता सुनता हूं,
मैं अपनी सबसे कहता नहीं

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8 JUN AT 6:13

उलझी उलझी दिल की राहों में
खुद को उलझा रहे हम

नज़रे देखने को बेताब
तुम आओगी ख्वाबों में दिल को समझा रहे हम

तुम हो की नहीं मेरे मुकद्दर में
फकत कश्मकश में खुद को सुलझा रहे हम |

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8 JUN AT 0:29

O Mohabbat ae kisey hor di,
Naadaani vich dil la baitha.

Jeda sukoon hunda si mere kolo,
Main ohdey picchhey gawaa baitha.

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7 JUN AT 23:54

Mohabbat ohdey naal payi,
Jeda baneya ae kisey hor layi.

Dilaan naal taan ae duniya,
Khidaune waangu khed rahi.

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7 JUN AT 21:59

एहसास होगा तुझे भी
क्या तूने गवाया है

औरो की तरह तूने भी बस मुझे आजमाया हैं

मैं तुझसे नहीं हारा मेरे सनम,
इस वक़्त ने मुझे हराया है।

माना तेरे साथ नहीं मैं,
मगर तेरी यादों को मैंने पाया है।

आज फिर मुझे नींद अच्छी आ रही,
मैंने ख्वाबों में तुझे बुलाया है।

है इस बात की तसल्ली मुझे,
तेरा साथ दिल से मैंने निभाया है।

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6 JUN AT 13:41

'सफ़र में यूं ही लोग बहुत से,
अनोखे मिलते हैं,

यहां सालों बाद बिछड़े
यार रोके मिलते हैं,

है सबकी बारी, सबको अपने-अपने
मौके मिलते हैं
कहीं प्यार होता है,
तो कहीं धोखे मिलते हैं

हां जिंदगी है
खेल जो कि ताश का है,
जिसके पत्ते सबको अलग अलग होके मिलते हैं |

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