जिन बातों को कहना मुश्किल होता है,
उन बातों को सहना मुश्किल होता है।
इस दुनिया में रह कर हमने ये जाना,
इस दुनिया में रहना मुश्किल होता है।
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S.S.T jindgi hai....
Aur I.A.S mera Mukam....
Kitaben jindgi hai...
Aur kalam me... read more
वो कहती है.....
की वो मुझे खोने से डरती है.....
मुद्दा तो यही है.....
वो ये सिर्फ कहना पसंद करती है.....-
उसके पैर मे चोट भी लगे.....
तो होंठ से चुम कर सही करते है......
मोहब्बत मे हम उन्हें इज़्ज़त नहीं देते.....
पुरे ज़माने मे ये कहके वो....
हमें सरेआम बदनाम करते है......-
भटक रहे है जहाँ आज अजनबी की तरह...
इसी गली मे कहीं पर हमारी जन्नत थी........
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चाँद नहीं होगा लेकिन चांदनी रात होंगी,
एक वक़्त आएगा....
जब सबके मुँह मे हमारी बात होंगी....
है मालूम की तुझे फ़र्क़ नहीं पड़ता.........
हमारे बिछड़ने से......
मगर आँखों मे आँसू जरूर आएंगे....
जब आखिरी मुलाक़ात होंगी......-
घर की जिम्मेदारीयां ना होती तो ऐश उड़ाते.....
जितना कमाते है सब कुछ लुटाते.....
पिंजरा है जो तोड़कर उड़ जाना है आसमां मे....
क्या करें हालात अभी मंजूरियां नहीं देते......
-गुलज़ार
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की बहुत हसने का.....
यही अंजाम होता है........
की रोना भी चाहे तो.....
रोया नहीं जाता......
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बदलने को तो इन आखोँ के मंज़र कम नहीं बदले, तुम्हारी याद के मौसम हमारे ग़म नहीं बदले,
तुम अगले जन्म में हम से मिलोगी तब तो मानोगी, ज़माने और सदी की इस बदल में हम नहीं बदले.-
हमने टूटने और बिखरने का चलन मांग लिया.....
हमने हालात से शीशे का बदन मांग लिया....
हम भी खड़े थे तकदीर के दरवाज़े पर....
लोग दौलत पे गिरे हमने वतन माँग लिया.......-
भारत माँ करें पुकार......
लोकतान्त्रिक हो सरकार......
हो रोटी, कपड़ा और मकान.....
जनमत ही हो सरकारों का आधार.......
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