Anurag SINGH   (अनुराग सिंह)
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Joined 6 January 2020


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9 JUL 2022 AT 9:20

जिन बातों को कहना मुश्किल होता है,
उन बातों को सहना मुश्किल होता है।

इस दुनिया में रह कर हमने ये जाना,
इस दुनिया में रहना मुश्किल होता है।

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12 MAR 2022 AT 23:03

वो कहती है.....
की वो मुझे खोने से डरती है.....
मुद्दा तो यही है.....
वो ये सिर्फ कहना पसंद करती है.....

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12 MAR 2022 AT 22:13

उसके पैर मे चोट भी लगे.....
तो होंठ से चुम कर सही करते है......
मोहब्बत मे हम उन्हें इज़्ज़त नहीं देते.....
पुरे ज़माने मे ये कहके वो....
हमें सरेआम बदनाम करते है......

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11 MAR 2022 AT 19:29

भटक रहे है जहाँ आज अजनबी की तरह...
इसी गली मे कहीं पर हमारी जन्नत थी........

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3 MAR 2022 AT 9:35

चाँद नहीं होगा लेकिन चांदनी रात होंगी,
एक वक़्त आएगा....
जब सबके मुँह मे हमारी बात होंगी....
है मालूम की तुझे फ़र्क़ नहीं पड़ता.........
हमारे बिछड़ने से......
मगर आँखों मे आँसू जरूर आएंगे....
जब आखिरी मुलाक़ात होंगी......

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17 FEB 2022 AT 9:58

घर की जिम्मेदारीयां ना होती तो ऐश उड़ाते.....
जितना कमाते है सब कुछ लुटाते.....
पिंजरा है जो तोड़कर उड़ जाना है आसमां मे....
क्या करें हालात अभी मंजूरियां नहीं देते......

-गुलज़ार

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1 FEB 2022 AT 10:20

की बहुत हसने का.....
यही अंजाम होता है........
की रोना भी चाहे तो.....
रोया नहीं जाता......

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28 JAN 2022 AT 11:44

बदलने को तो इन आखोँ के मंज़र कम नहीं बदले, तुम्हारी याद के मौसम हमारे ग़म नहीं बदले,
तुम अगले जन्म में हम से मिलोगी तब तो मानोगी, ज़माने और सदी की इस बदल में हम नहीं बदले.

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26 JAN 2022 AT 9:59

हमने टूटने और बिखरने का चलन मांग लिया.....
हमने हालात से शीशे का बदन मांग लिया....
हम भी खड़े थे तकदीर के दरवाज़े पर....
लोग दौलत पे गिरे हमने वतन माँग लिया.......

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23 JAN 2022 AT 20:16

भारत माँ करें पुकार......
लोकतान्त्रिक हो सरकार......
हो रोटी, कपड़ा और मकान.....
जनमत ही हो सरकारों का आधार.......

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