Anurag Pundir   (अनुराग पुंडीर)
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Joined 15 November 2018


Joined 15 November 2018
7 JAN 2024 AT 21:25

वो बातें खा गयी मुझको, जो बातें पी गया था मैं !!

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25 MAY 2021 AT 23:38

मानता हूँ तू अकेला है बहुत और थक चुका है
पीठ में खंजर गड़े हैं, स्वेद-शोणित बह चुका है
है मगर तू वज्र की तलवार इतना जान ले बस
जंग में ही, वज्र का है ज़ंग मिटता, प्राण ले बस
शौर्य के तेरे ही किस्से वीर-पुत्रों ने सुने हैं
युद्ध के मैदान तूने खुद चुने हैं !

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25 MAY 2021 AT 23:34

ऐ वक़्त, जरा अदब से पेश आ..

क्योंकि वक़्त नहीं लगता है वक़्त बदलने में..

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13 JUN 2020 AT 10:17

गहराई...

कुछ रिश्ते हैं
......इसलिये चुप हैं,

कुछ चुप हैं
......इसलिये रिश्ते हैं !!!

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14 FEB 2020 AT 22:42

जब राख बनेगा ये सूरज
और धूप धुआं हो जायेगी
तब भी तू मेरे संग रहना...
जब उम्र की आवारा बारिश
सब रंग मेरे धो जायेगी
तब भी तू मेरे संग रहना...
जब वक़्त करेगा छल मुझसे
तक़दीर खफ़ा हो जाएगी
तब भी तू मेरे संग रहना...

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9 FEB 2020 AT 21:12

है मगर तू वज्र की तलवार इतना जान ले बस
जंग में ही, वज्र का है ज़ंग मिटता, प्राण ले बस
शौर्य के तेरे ही किस्से वीर-पुत्रों ने सुने हैं 
युद्ध के मैदान तूने खुद चुने हैं !

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26 DEC 2019 AT 20:33

"लफ्जो" का इस्तेमाल हिफाजत से करिये,
ये "परवरिश" का बेहतरीन सबूत होते हैं...

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10 APR 2019 AT 20:37

मिजाज में थोड़ी सख्ती लाजमी है साहब...
लोग पी जाते अगर संमदर खारा ना होता...

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14 DEC 2018 AT 9:53

दिल की बात साफ साफ कह देनी चाहिए
क्योंकि...
बता देने से 'फैसले' होते हैं और ना बताने से 'फासले'..।।

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7 DEC 2018 AT 8:32

एक परवाह ही बताती है कि खयाल कितना है..

वरना कोई तराजू नहीं होता रिश्तों में।।

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