मुस्कुरा कर गमों को भुलाती रहो,
सूनी पलकों पे सपने सजाती रहो।
तिरगी इस ज़माने से मिट जाएगी,
दिल चिरागों की तरह जलाती रहो।
केक काटने की ये गजब रस्म है,
फूक लगा कर कैंडल बुझाने के बहाने,
झूठा केक हम सब को खिलाती रहो।
रूठते हम रहें तुम बहन मनाती रहो ।।
घर ईट की दीवारों से ही बनता पर,
अपने मुस्कान के फूलों से इसको सजाती रहो ।
वास्ता भाई बहन का सदियों से रहा है प्यार का,
ऐसे प्यार का समंदर सजाती रहो।
चलो आज फिर खेलते है बचपन के वो खेल,
हम तुम्हे खिझाते रहे, तुम झझलाती रहो।
जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई बहन
( Pratiksha Pandey + Tik Tok Tripathi) by Anurag Pandey Satyam
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