Anurag Lodhi   (a_nu_raag)
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Joined 2 March 2019


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Joined 2 March 2019
31 MAR AT 17:19

हर रोज़ अब यूँ आम ना होगी
वो पहली सी फिर शाम ना होगी
मिल जाता अगर वो तेरा इश्क़ ही क्या
अब ख़ुशी तो होगी पर खुलेआम ना होगी …

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8 SEP 2023 AT 23:40

वक्त की आदत को वक़्त पे छोड़ दिया है
कोशिश की आँधियों को मंजिलो पे मोड़ दिया है
पत्थर सी लकीरों को हिम्मत से तोड़ दिया है
थक गई क्या ज़िंदगी ?
मैंने अपने ख्वाबों को आसमान से जोड़ दिया है

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28 AUG 2023 AT 0:00

आशिक़ों की ज़िंदगी दुहाई देती है ,
हर जगह प्यार की बरसात होती है ,
डूब जाते इसमें कितने ही हमसफ़र ,
इश्क़ की सजा बस तनहाई होती है ।

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12 JUN 2023 AT 20:26

देखो दुनिया की भट्टी में जाने कितने शोले है
क़िस्मत की करनी पे जाने कितने महात्मा बोले है
महल बने जो तसवीरों के खुद्दारों ने तोले है
दिख रही जो चकाचौंद सी सब माया के गोले है
बस मर्ज़ी उसकी होती यहाँ सब उड़न-खटोलें है..

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11 MAY 2023 AT 11:31

ऐसे तो तेरा बस एक फूल काफ़ी है समझाने को मुझे
वैसे तो कोई ख़ुदा मुझे समझा भी नहीं सकता
ऐसे तो तेरी बस एक याद काफ़ी है रुलाने को मुझे
वैसे तो कोई समंदर मुझे डूबा भी नहीं सकता

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11 MAY 2023 AT 10:43

सपनों की कितनी मंज़िलो में से कोई एक तो मेरी होगी ही,
सूरज की कितनी किरणों में से कोई एक तो मेरी होगी ही,
पत्थर को चटकाने वाली बूँदो में से कोई एक तो मेरी होगी ही,
थक जाएगी जब ये ज़िंदगी मुझे हराते-हराते…
मेरी हिम्मत की एक और ललकार के आगे ये ज़िंदगी मेरी होगी ही ।

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8 MAY 2023 AT 22:37

खुरखुरा सा कोई ख़्वाब है
दरदरा सा मेरा मन बैठा,
होश में हर जवाब है
ख़ुद का जब से मैं बन बैठा ।

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25 APR 2023 AT 22:40

बहुत कुछ समझा कर भी ज़िंदगी
बहुत कुछ बचा लेती है,
कुछ सामने दिखाती है
कुछ अंजाने में सिखा देती है,
हर रोज़ सूरज का बाज़ार लगा कर
चाँद को छुपा देती है,
देखो कहाँ लेके जा रही है ये ज़िंदगी
कफ़न में भी भला कोई जेब होती है ?

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25 APR 2023 AT 22:16

बहुत ख़ास वो एहसास होता है
जब उनका हर पल मेरे साथ होता है
ज़मीन का हर फूल जैसे गुलज़ार होता है
जब मेरा चाँद मेरे पास होता है

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15 APR 2023 AT 22:43

ये तस्वीर ,
तेरी आँख दिखा कर सताती है मुझको
ये घड़ी ,
तेरी याद दिला कर तड़पाती है मुझको
ये चाँद ,
तेरा एहसास करा कर रूलाता है मुझको
ये कमरा ,
तेरा नाम बुलाकर चिढ़ाता है मुझको….

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