Añūrāg Kūmār   (Añū)
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7 SEP 2022 AT 23:45

खामोशियां अच्छी लगने लगी है हमें,
अब हम बोला नही करेंगे.........

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20 AUG 2022 AT 1:37

My eyes is crying,
Tears of blood......

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22 APR 2022 AT 18:25

Raatein roz sulagti hai...
Yaadein rog si lagti hai,
Aansoo aaye bhi toh, Roye Ishq na.........
Hoye Ishq na, Hoye Ishq na.........

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25 MAR 2022 AT 0:24

कुछ बातें है कहनी उनसे,
चाह के भी नहीं कह पाते है....
जो मेरे दिल में है, उसके है या नहीं
सोच कर हर दफा घबराते है.....!

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22 MAR 2022 AT 2:21

“हिंसा से जर्जर प्रकृति रो रही। व्याधों के अट्टहास से आकाश हिल रहा। नन्हा-सा हिरण हाँफ रहा।"
पर कैसा भय....?
विधाता की सृष्टि में मानव सबसे शक्तिशाली...??

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19 MAR 2022 AT 23:37

Smoking is good for environment bcz it's kills human beings......

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17 MAR 2022 AT 15:55

Whn we want to cry, And tears want to come out!
ẞut eyes just hold it inside........

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16 MAR 2022 AT 9:08

"मुद्दतें गुजरी, तुझे याद भी आई ना हमारी
और हम भूल गये हों तुझे, ऐसा भी नहीं......."

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13 MAR 2022 AT 12:52

दिल की उम्मीदों का हौसला तो देखो .......!!
इंतज़ार उसका है,
जिसको एहसास तक नहीं हैं.........

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4 JUN 2020 AT 11:45

प्रतार्यायु: प्रतरं नवीय:||
अर्थात्-हम नवीन से नवीनतर और उत्कृष्ट से उत्कृष्टतर जीवन की ओर बढ़ते रहें||

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