तहे दिल से जिसे तुमने चाहा होगा वो भी इस वक़्त कहीं लिख रहा होगा। अब जीने का है हौंसला ये सोचके वो भी तो सारे मौसम तनहा सह रहा होगा।। तहे दिल से जिसे तुमने चाहा होगा
तेरी ज़रूरत है इन आंखों को, झूठे ही सही मगर अच्छे लगे ख़्वाबों को रात भर अँधेरे को देखतीं निगाहों को, और तन्हाई में उठी ख़ामोश आहों को। ए नींद तेरी ज़रूरत है इन आँखो को।।