जिन्हें लिखते लिखते मेरी आंखें नम हो गई
लिखते लिखते मेरे हाथ थम गए
तभी ध्यान गया उस मां पर
जिसका आंचल उसका मुंह पोछने को,जिसकी बाहें उसे गले लगाने को,जिसका हाथ उसे खिलाने को बढ़ा होगा
क्या हुआ होगा तब जब बेटा तिरंगा से लिपटा होगा
उस मां की आंखों से बाढ़ आया होगा,उसका आंचल भी फूट फूट के रोया होगा
कितनी रातें वो न सोई होगी अपने लाल के याद में खोई होगी
क्या बीता होगा उस मां पर जब उसने अपने लाल को तिरंगे से लिपटा देखा होगा
जिसकी अभी तो मांग भरी थी जिसने अभी तो सोलह श्रृंगार किया था जिसकी मेंहदी की खुशबू भी न गई थी
सोचो उस पत्नी पर क्या बीता होगा
जब उसने अपने पति को तिरंगे...
जब वो खिड़की से झांक उसकी राह देख रही होगी
आरती की थाल लिए उसका इंतजार कर रही होगी
जब उसके हाथ बढ़े हो उसे राखी बांधने को
सोचो उस बहन पर क्या बीता होगा
जब उसने अपने भाई को...
सबसे बलवान सबकी जान जिसका वो हीरो होगा
जिसे कांधे पर बिठा वो पूरा गांव घूमता होगा
जिसके पापा बोलने पर सबको मिठाई बांटा होगा
अपना खून पसीना एक कर उसे देश का रक्षक बनाया होगा
सोचो उस पर क्या बीता होगा जब उसने अपने बेटे को तिरंगे से लिपटा देखा होगा
दिल पर पत्थर रख वो उसे शहीद कहा होगा
दुनिया के सामने कठोर बन वो अंदर ही अंदर कितना रोया होगा
सोचो उस पिता पर क्या बीता होगा
जब अपने दिल के टुकड़े को कांधे दे वे समशान की ओर बढ़ा होगा...
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शब्दों में थोड़ी खट्टी,
थोड़ी मीठी स्वाद रखती हूं
ख़ामोशी से बातें... read more
मैं वो कवि नहीं, जो कविता लिखती हूं
मैं वो शायर नहीं, जो सायरी कहती हो
मैं वो गायक भी नहीं, जो सुर में गाते हो
मैं वो नायक भी नहीं, जो मंच में मनोरंजन करते हो
मैं तो एक आम सी लड़की, आप सबों के बीच में एक लड़की
मैं तो अपने मन की आवाज, दिल की गुहार
लोगों की बातो को, अपने कलम की तार से जोड़ कर लिखती हूं।-
खामोशी से वार किया उन लोगों ने
इस मासूम दिल के, टुकड़े चार किया उन लोगों ने
ना रही मोहब्बत, ना अब कोई शिकवा गिला
दोस्ती का नाम दे,
दुश्मनों से भी गिरा व्यवहार किया उन लोगों ने।।-
ना जाने कितने दिनों बाद
आज फिर से लिखने की चाह हुई
जो तुम्हे खुलकर के न सकी उसे लिखने की चाह हुई
समय बदल गया है
बदल थोड़े हम और थोड़े तुम भी बदल गए हो
सुबह जागते ही अब मेरे चेहरे की आदत नहीं रही
सोते वक्त मेरे गाने की आदत नहीं रही
मैं बोलती रहूं और तुम सो जाओ
अब तो नींद भी तुम्हें हमारे बगैर ही आने लगी
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रातें तो अभी भी होती है
पर रातों में अब पहले जैसी बात नहीं होती
चांद तो आज भी चमकता है सितारे भी टिमटिमाते है
अब पर चांद के साथ मुझे चांदनी होने का एहसास नहीं होता।
हवाओं का रुख बदल गया है
अब वो खुशबू संग मेरे देह में नहीं लिपटती
बाल तो सुलझ जाते है पर जिंदगी की उलझने नहीं सुलझती
कल भी बदलता था आज भी बदलता है मौसम
और मौसम की तरह मेरा मन भी बदलता रहता है
कभी दूर कभी पास रहना चाहे
कभी सबसे अलग कभी सबके साथ रहना चाहे
ये दिल भी अजीब है
जिसे जानने की उत्सुकता नहीं उसे ही सबकुछ बताना चाहे।।
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अब वो बात नहीं होगी, वो साथ नहीं होगी
दिल दुखेगा, दर्द होगा, आंसू भी बहेंगे
पर जो हंसाती थी हर बार, अब वो साथ नहीं होगी
तुम तड़पोगे, हर बार,हर बार तकलीफ होगी
चाहोगे गले लग कर रोना, पर अब वो साथ नहीं होगी
बदल जायेगा सबकुछ, सबकुछ नीरस हो जाएगा
कमियाबी कदम चूमेगी, पर चेहरे पे मुस्कान नहीं होगी
आंखें नम होंगी, हजार बातें मन में होंगी
बताना चाहोगे हर बात,पर इस बार वो साथ नहीं होगी
तुम सही होकर भी गलत कहलाओगे,
लोगों के तानों से बैचैन हो जाओगे,
पर हर पल जो तुम्हारा हौसला बांधे रही, अब तो तुम्हारे साथ नहीं होगी
हँसोगे तुम,मुस्कुराओगे भी,गुनगुना कर उसे याद करोगे
चाहोगे उसका हाथ थाम कुछ कदम चलना
पर अब वो तुम्हारे पास नहीं होगी
सब तुम्हारे पास होंगे पर साथ कोई नहीं होगा
तुम चाहोगे खुश होना,पर वो तुम्हारे साथ नहीं होगी
मुस्किल होगा सबकुछ, सबको आसान लगेगा
तुम्हारी बड़ी चोट भी, सबको मामूली लगेगी
जो छोटे चोट में भी मरहम लगाए रो पड़ती थी
तुम्हे गले लगाए सारा दर्द खत्म कर देती थी
अब बड़ी तकलीफ में भी कोई तुम्हारा हाल नहीं पूछेगा
तुम रोओगे, पर वो तुम्हारे साथ नहीं होगी
सीख जाओगे अकेले चलना, दूर भी रहना सीख जाओगे
पर उसकी जो याद दिल में है कभी न भुला पाओगे
हर पल याद करोगे उसे, पर वो साथ नहीं होगी
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हमेशा एक सा नहीं रहता
जो खिलौनों के लिए पूरा दिन रोता है
हाथ में पेन थामें लिखना सीख जाता है
जिम्मेदारी आने पर पूरा घर संभालता है
बच्चों की हर जरूरत पूरा किया करता है
दर्द का एहसास किसी और को ना हो
इसलिए हर पल मुस्कुराता है
ये जीवन हर दिन कुछ नया सिखाया है
समय हमेशा एक सा नहीं रहता
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The real meaning of prosperity is love who makes you strong like a wave.
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कुछ लिखने की चाह रखती हूं
शब्दों में थोड़ी खट्टी,
थोड़ी मीठी स्वाद रखती हूं
ख़ामोशी से बातें करना,
आंखों की बातें पढ़ना
प्यार के एहसास को,
दिल में बसाए रखती हूं।-