अब जो गए हो इस बार वापस लौट कर मत आना, खोल के देखूं जो मैं अपनी जिंदगी का दरवाजा उस दरवाजे के पीछे तुम अब मुझे खड़े हुए ना पाना,
हर बार तुम छोड़ कर चले जाते हो बीच रहा में,
किसी भी बहाने से अब इस बार लौट कर मत आना,
जिसका हाथ थामा है उसके साथ ही पूरी जिंदगी बिता देना, करके मुझे फिर से याद अपनी आंखों को मत भीगना,
क्या खेल बना रखा है तुमने मोहब्बत का, ना पूरी तरह से आते हो, ना पूरी तरह से जाते हो, जो मांग लूं मैं अपने हक का प्यार, तो तुम फिर से मुकर जाते हो,
मेरी जिंदगी के दरवाजे के पीछे पहरेदार से खड़े रहते हो जहां मुश्किलें मुझे घेर ले तुम फट से उन्हें संभालने आ जाते हो,
और जो अगर मैं मांग लूं हाथ तुम्हारा जिंदगी भर के लिए,
फिर से तुम मुझे तन्हा छोड़ चले जाते हो
यह कैसी मोहब्बत तुम करते हो ना पूरी तरह मेरे होते हो, मेरी जिंदगी के दरवाजे पर पहरेदारी से खड़े रहते हो, जीना मेरे लिए मुश्किल करते हो
हो सके तो चले जाओ इस बार तो मुंह फेर के हमेशा के लिए खोल के देखूं जो मैं अपनी जिंदगी का दरवाजा उस दरवाजे के पीछे तुम अब मुझे खड़े हुए ना पाना,
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