एक फरियाद है तुमसे
यूँ बेवख्त याद न आया करो
आकर यूँ दिल न दुःखाया करो
गमो को यूँ न ताजा किया करो
रहने दो मुझे यूँ ही तन्हाइयो में
प्यार के गीत यूँ ही गुनगुनाने दो
मैं मस्त हूँ यूँ ही मस्त रहने दो
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सूरज का रंग लाल होता है
इंतज़ार का फल मीठा होता है
सुबह का मिलन सुखद होता है
सब्र की कोई इंतहा नही होती-
तुम्हारे बिना जिंदगी भी कोई जिंदगी है
तुम्हारे माथे की बिंदिया बन सूरज चमकती है
मुस्कराहट पंखुरियों की तरह,गाल गुलाब
साथ तुम्हारा बन सहारा,भरता खुशियाँ
हम तुम दो शरीर एक जान इस बगियाँ के-
कदम कदम साथ चल
,निभाया वादा
न छोड़ेंगे हाथ एक दूसरे
का है पक्का वादा-
तुम्हारे आने का इंतजार किया
तुम्हारे वादे पे एतबार किया
तुम्हारी रजा में राजी रहे
फिर भी तुम खफा रहे-
आस छोड़ चुके जो,भटक रहे जो राह
निगाहे जो टकटकी लगाए रहती आशा से
रोटी, कपड़ा, मकान ,नौकरी, बीमारी ,से
खुशी,प्यार ,दिलासा,खाना ,तीमारदारी दें
पूरी कर उनकी जरूरतों को,हिम्मत बढ़ा
बदरंग हो गयी उनकी जिंदगी में,आओ
मिल हम सब सतरँगी रंगों को भर दें-
कि
कभी हम भी शोर के बीच रहते थे
शोर का जमघट घेरे रहता
रोशनियों की झालर जगमगाती
डोल नगाड़े बजट रहते
अब ये आलम है कि,
न शोर, न नगाड़े, न परिंदा
भी यहां आना नही चाहता
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दिल तुम्हे दिया दर्द हमने लिया
सपने तुम्हे दिए नींद हमारी गयी
तुमने जो चाहा वो हमने दिया
फिर ये नाराजगी किस बात की-
तुमसे मिलने की बेकरारी
उस पर तुम्हारे, न कहने का डर
कुछ कहूँ तो तुम खफा हो
न कहूं तो मैं बेचैन
मिले बिन न रहा जाय
इसी कशमकश में हूँ
कि क्या ,क्यों ,कैसे करूं-