जिंदगी अनगिनत फसलों का सफर; दायर दायर मुस्कुराती हुई गीत गाती लड़कियों का सफर; जिंदगी अनगिनत मौसमों का सफर जिंदगी रब्त है जिंदगी हुस्न है ;ज़िन्दगी मोहब्बत के नीले पानी पे उछलती छिछलती लहर है शहर है ज़िंदगी ;ये बुरा दौर तो दरमियानी खला है जो एक दिन सिमट जाएगा दर्द घट जाएगा वक्त कट जाएगाजिंदगी हुस्न है जिंदगी ख्वाब है भूल जाओ जो होता है और हो चुका आदमी अपने होने का एहसास भी खो चुका बहुत रो चुका ! -
जिंदगी अनगिनत फसलों का सफर; दायर दायर मुस्कुराती हुई गीत गाती लड़कियों का सफर; जिंदगी अनगिनत मौसमों का सफर जिंदगी रब्त है जिंदगी हुस्न है ;ज़िन्दगी मोहब्बत के नीले पानी पे उछलती छिछलती लहर है शहर है ज़िंदगी ;ये बुरा दौर तो दरमियानी खला है जो एक दिन सिमट जाएगा दर्द घट जाएगा वक्त कट जाएगाजिंदगी हुस्न है जिंदगी ख्वाब है भूल जाओ जो होता है और हो चुका आदमी अपने होने का एहसास भी खो चुका बहुत रो चुका !
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कुछ लोग कभी पलटकर गांव नहीं आते; कुछ लोग भुला देते हैं बचपन उसे कहना;एक शब से ज्यादा नहीं दुनिया की मसहरीएक शब से ज्यादा नहीं दुल्हन उसे कहना ! -
कुछ लोग कभी पलटकर गांव नहीं आते; कुछ लोग भुला देते हैं बचपन उसे कहना;एक शब से ज्यादा नहीं दुनिया की मसहरीएक शब से ज्यादा नहीं दुल्हन उसे कहना !
ख़ुदा होता है होगा;पर हमें इतना पता है हमारी तरफ से अब बस है;ये हस्ते खेलते क़स्बे कहिं वीरानियों के घर ना बन जाएंहमें वक्तन पवक्तन चूमते रहो की हम पत्थर ना बन जाएं! -
ख़ुदा होता है होगा;पर हमें इतना पता है हमारी तरफ से अब बस है;ये हस्ते खेलते क़स्बे कहिं वीरानियों के घर ना बन जाएंहमें वक्तन पवक्तन चूमते रहो की हम पत्थर ना बन जाएं!
शाम ढले रात होती जरूर है वफ़ा मैं कोई लेकिन नहीं उन्हें कहना ;पाज़ेब काबिल के भरोसे कभी नहीं रहतीकंगन हर कलई में खनकती है उन्हें कहना ! -
शाम ढले रात होती जरूर है वफ़ा मैं कोई लेकिन नहीं उन्हें कहना ;पाज़ेब काबिल के भरोसे कभी नहीं रहतीकंगन हर कलई में खनकती है उन्हें कहना !
उनसे मोहब्बत कमाल की होती है जिनका मिलना मुक्कदर में न हो ! -
उनसे मोहब्बत कमाल की होती है जिनका मिलना मुक्कदर में न हो !
क़िस्से चैनल पे आपका स्वागत है! -
क़िस्से चैनल पे आपका स्वागत है!
आपकी दीपावली शांतिपूर्ण, और समृद्धि हो तथा आपको एक आकस्मिक वर्ष की शुरुवात दे ! शुभ दीपावली -
आपकी दीपावली शांतिपूर्ण, और समृद्धि हो तथा आपको एक आकस्मिक वर्ष की शुरुवात दे ! शुभ दीपावली
इंसनियत को ख़र्चीले लोगों की जरूरत है, फ़िर चाहे वो दिमाग़ हो, दिल हो, या फिर दौलत ! -
इंसनियत को ख़र्चीले लोगों की जरूरत है, फ़िर चाहे वो दिमाग़ हो, दिल हो, या फिर दौलत !
आहटें सो रहीं हैं, लोग अचनाक आते हैं;खुशियाँ बिक़ रहीं हैं, लोग अचानक जातें हैं ! -
आहटें सो रहीं हैं, लोग अचनाक आते हैं;खुशियाँ बिक़ रहीं हैं, लोग अचानक जातें हैं !
सडक़ तुम अब आई हो गाँव जब सारा गाँव शहर जा चुका है ! -
सडक़ तुम अब आई हो गाँव जब सारा गाँव शहर जा चुका है !