अमीर कभी हम भी थे मोहब्बत की दौलत पाकर,
कमबख्त नीलाम करना पड़ा तन्हाई और दर्द के बाजार में आकर।-
कुछ कहना था, कुछ सुनना था,
ऐ वक्त तुझे बस रुकना था।
वो शाम मेरा, वो रात मेरा,
मुझे फिर से वो पल जीना था।
तुम लेलो सब कुछ मेरा मुझसे,
मुझे पलभर भी दुःख नहीं होना था।
जहां बचपन मेरा खेला था,
जहां लोरी नानी गाया करती,
मुझे फिर से वो पल जीना था।
कुछ कहना था, कुछ सुनना था,
ऐ वक्त तुझे बस रुकना था।-
लम्हा लम्हा जीने की कोशिश की मैने,
की फिर से क्यों मेरे ख्वाबों में आने लगे हो।
जिंदगी जीना सीख लिया तुम्हारे बगैर मैने,
फिर क्यों घाव बन दिल का दर्द बढ़ाने लगे हो।-
The spirituality attached too much with heart for someone's,
If the person still wishes to leave of his own free will,
So never stop him.-
रूहानियत लाख जुड़ी क्यू न हो किसी के दिल के साथ,
जो शख्श खुद ही छोड़ कर जाना चाहे,
उसे कभी रोका नहीं करतें।-
ज़िंदगी के सफ़र में अपने असूल बड़े पक्के हैं,
नफ़रत हो या मोहब्बत बड़े शौख से करते हैं।
हकीकत में तुम मेरे नही तो क्या हुआ,
मेरे ख्वाबों के हर लम्हें बस तुम्हें ही सोचते हैं।-
यकीन खुद से ज्यादा अब किसी पर होता नहीं,
यूं बेवजह अब ये दिल किसी के लिए रोता नही।
मुकर्रर कर चुके है ये ज़िंदगी किसी के नाम,
खुद से ज्यादा अब किसी से मोहब्बत होता नही।-
टूटी हुई हर चीजों में दरार पड़ जातें है,
ये बेरहम दुनिया है मोहतरमा,
यहां अपने स्वार्थ के लिए लोग,
किसी भी हद तक गुज़र जाते हैं।-
तुम्हारे यादों के शहर में जाना गवारा नहीं मुझे,
इन फिज़ाओं से कह दो इतना याद न दिलाया करें।-
मिल जाए अगर सुकून जिस जगह भी,
आगाज़ ज़रा हमे भी लगा देना।
कमबख्त अरशा हो गए सुकून ढूंढते ढूंढते,
तलाश मेरी भी ज़रा मुकम्मल करा देना।-