साल साल में साल कितने सारें बीतें
कुछ खास रहें ...
तो कुछ में बस एहसास रहें।
सबकी इनायतें रही हमेशा ...
कुछ पल गुजरें दुखों में भी।
ठोकरों से सीखा बेहद कुछ हमने...
अब किसीसे कोई दरकारें न रही।
हुए सजदें भी कुबूल हमारें...
और नाही किसीसे कुछ गिले रहें।
भले ही दरवाजे बंद हुए अतिथ के...
यादों की खिड़कियां मगर हमेशा खुली रही...
इस तरह अब तक के सभी साल हमे मुबारक रहें।
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काफी दिन से इंतज़ार की स्याहि थीं
दिल की कलम में...
और
एक दिन उस कलम ने एक आंखरी
अल्फाज़ लिखा...
‘अलविदा...'-
“किसी के मन पे भार हुआ नहीं करतें ...
चाह मे किसीके बेकार हुआ नही करतें...
यहां सिर्फ मनमर्जियां चलती हैं जनाब...
अक्सर परायें शहरों में कभी
अपनें आशियाने बसाया नही करतें।"
~✍️❣️
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I just thought about our time but not ur priorities...
I just thought about our feelings but not ur feelings...
I just thought about our hapiness but not ur own...
I just thought about our closeness but not ur commitment...
I just thought about our .............
Sorry.....! But No Sorryyy.....
Coz I Chose To Love You.....nd
I'm proud of tht...-
चांद से मुहब्बत आखिर कहां मुकम्मल होती है
वोह पहले से ही आसमां मे होता है
तेरी जमीं से कई दूर...
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“हर कहानी मुकम्मल हों ये जरूरी नही...
कुछ रिश्तें नाम बदलकर भी निभाए जा सकतें हैं।"-
मन की राहें अनेक
इसपे नही है किसिका जोर...
कभी रहता है खामोश सा
कभी बेकदर सा है इसमें शोर।-
तेरी हर मुलाकात को भूलने की कोशिश मे हूं मै...
पर जब भी किसी मुलाकात को याद करता हूं...
वो एक मजबूत सी याद बन जाती है...
और मेरा प्रेम और भी गहरा हो जाता है...
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अगर पूछोगे मुझको तुम
तो खुशी के हजार तरीके बताऊंगा
तुम बस यह वादा करो की
मेरे गम की वज़ह नही पूछोगे।-