सुन तो सही मेरी ज़िंदगी,
दो घड़ी बैठ ज़रा सांस तो ले,
कुछ बात तो कर,
कुछ हाल सुना, मेरा हाल तो सुन,
थके हुए पैरों में, थोड़ा मलहम लगा ले,
कुछ घड़ी ठहर, थोड़ा मुस्कुरा ले,
टूटे हुए दिल के टुकड़ों को समेट ले ज़रा,
सुन मेरी ज़िंदगी, सुन तो ज़रा।-
प्रेम रहे न रहे, जीवित रहती है स्मृतियाँ
बीते हुए पलों को फिर सजीव कर देती है,
कभी होठों पर मुस्कान तो, कभी आँखे नम,
जीने की फिर एक वजह देती हैं,
तुम्हारी मधुर स्मृतियाँ।
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तुम्हारा साथ जैसे,
गर्मी के मौसम में ठंडी बयार,
बरखा की पहली फुहार,
खुशनसीब हूँ जो साथ मिला तेरा।-
छोड़ आये वो बीता कल,
तेरी मुस्कान, तेरी सिसकियाँ,
तेरा वो रूठना, मनाना,
तेरा हसना, खिलखिलाना,
प्यार भरा तेरा स्पर्श, और तेरा प्यार भी,
तेरे संग सब छोड़ आये,
साथ ले आये तो बस तेरी यादें,
अब तू जहाँ भी रहे खुश रहे।-
मैं खड़ी रही तट पर,
लगाती रही गणित,
तैरकर भी करती रही, नाकाम कोशिशें,
ये जानकर भी कि कुछ बातों का पता,
तैरकर नहीं, डूबकर चलता है,
जैसे कि "प्रेम"।-
मैं तट पर खड़ी,
लगाती रही गणित, थाह पता लगाने को,
फिर तैरकर भी करती रही, नाकाम कोशिशें,
ये जानकर भी, कि कुछ बातों का पता,
तैरकर नहीं, डूबकर चलता है,
जैसे कि "प्रेम"।-
छोटी-छोटी चित्रायी यादें,
बिछी हुई हैं लम्हों की लॉन पर,
नंगे पैर उन पर चलते-चलते,
इतनी दूर चले आये,
कि अब भूल गए हैं,
जूते कहाँ उतारे थे।
एड़ी कोमल थी, जब आये थे,
थोड़ी सी नाज़ुक है अभी भी,
और नाज़ुक ही रहेगी,
कुछ खट्टी-मीठी शरारती यादें,
जब तक इन्हें गुदगुदाती रहेंगी,
सच भूल गए है,
जूते कहाँ उतारे थे,
पर लगता है,
कि अब उनकी ज़रूरत नहीं।
- उड़ान-
पानी पानी रे खारे पानी रे
नैनों में भर जा,
नींदें खाली कर जा।
पानी-पानी इन पहाड़ों की ढलानों से उतर जाना,
धुआं-धुआं कुछ वादियाँ भी आएँगी गुज़र जाना,
इक गाँव आएगा मेरा घर आएगा,
जा मेरे घर जा,
नींदें खाली कर जा।
- गुलज़ार
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Let me not pray to be sheltered from dangers,
But to be fearless in facing them.
Let me not beg for the stilling of my pain,
But for the heart to conquer it.
- Rabindranath Tagore-