बात की बात
जहाँ,
आदमी देख कर,
बात होती है,
वहाँ,
जाने कब दिन,
जाने कब रात,
होती है।
अनुज 'अनहद'-
उनकी हरकतों से हम बाज आ गए।
कल सही रास्ते आते तो आज आ गए।।
अनुज 'अनहद'-
बजट समीक्षा
बजट पूर्व,
जनता की अपेक्षा,
सरकार ये कर दे,
सरकार वो कर दे,
बजट में,
सरकार ने ये 'कर' दिया,
सरकार ने वो 'कर' दिया,
जनता फिर भी दुखी।
अनुज 'अनहद'-
आँसू
कभी ये ग़म बताने को,
कभी खुशियाँ जताने को।
हमारे दिल में जो भी था,
ये उसकी ही झलक लाये।।
न रुकने की ज़रूरत थी,
न खुद को रोक ही पाये।
नहीं कुछ बोल पाये तो,
ये आँसू खुद छलक आये।।
अनुज 'अनहद'-
आँसू
कभी ये ग़म बताने को,
कभी खुशियाँ जताने को।
हमारे दिल में जो भी था,
ये उसकी ही झलक लाये।।
न रुकने की ज़रूरत थी,
न खुद को रोक ही पाये।
नहीं कुछ बोल पाये तो,
ये खुद छलक आये।।
अनुज 'अनहद'-
सारे ग़म हों दूर तुम्हारे,
खुशियाँ मिलें अपार।
आने वाला हर एक साल हो,
खुशियों का संसार।।
जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ !!-
संभलना ज़रा हमसे,
सीधे 'दिल में' उतर जाता हूँ।
'दिल से' अगर उतारा,
फिर भी यादों में रह जाता हूँ।।
अनुज 'अनहद'-
सुबह का भूला
सुबह का भूला,
वास्तव में,
भूला न था।
सुबह से खोज रहा था,
घर अपना,
शाम तक जब,
अपना घर न पाया,
सब ने उसे ही भूला बताया।
अनुज 'अनहद'-
शतरंज
हम तो,
सीधी चाल,
चल रहे थे,
उनकी,
तिरछी,
चालों से,
मात खा गए।
अनुज 'अनहद'-
कैरम
रिबाउंड से,
रानी,
हो गई,
हमारी,
बिना,
सीधे स्ट्राइकर,
की चोट के।
अनुज 'अनहद'-