आंखों में चुभ रहा है गम "गम ए दास्तां किस से कहें, कि एक बेवफा ने हमको,मारा है इस क़दर।आंखों में चुभ रहा है गम ,दिल खून के आंसू ,रोता है रात दिन।हर वक्त याद करके, देते हैं दुआ उसको, गिन गिन के रात दिन।।अब किसी को प्यार, ऐ दिल नहीं कर पाएगा, जी लेगा तेरी आरज़ू के बिन।। -
आंखों में चुभ रहा है गम "गम ए दास्तां किस से कहें, कि एक बेवफा ने हमको,मारा है इस क़दर।आंखों में चुभ रहा है गम ,दिल खून के आंसू ,रोता है रात दिन।हर वक्त याद करके, देते हैं दुआ उसको, गिन गिन के रात दिन।।अब किसी को प्यार, ऐ दिल नहीं कर पाएगा, जी लेगा तेरी आरज़ू के बिन।।
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माना कि आसमां में अकेला ही निकलता है चांद, लेकिन जमीं पे बेशुमार।मिल जाते हैं भगवान ढूंढने से तो,दिल से अगर ढूंढो तो कम नहीं है जहां में प्यार। जल्दबाजी में गलत रास्ते में ना भटकें ,उसे पे भरोसा रख्खें, और नियमत का इन्तज़ार । -
माना कि आसमां में अकेला ही निकलता है चांद, लेकिन जमीं पे बेशुमार।मिल जाते हैं भगवान ढूंढने से तो,दिल से अगर ढूंढो तो कम नहीं है जहां में प्यार। जल्दबाजी में गलत रास्ते में ना भटकें ,उसे पे भरोसा रख्खें, और नियमत का इन्तज़ार ।
जीवन के सबसे सुनहरे पल, अबोध मन में भविष्य की बुनियादें।आज भी सब लगता है फीका,याद आती हैं जब "स्कूल की यादें",। -
जीवन के सबसे सुनहरे पल, अबोध मन में भविष्य की बुनियादें।आज भी सब लगता है फीका,याद आती हैं जब "स्कूल की यादें",।
आपका दिल से स्वागत है"मेरे सफ़र में सहभागिता के लिए,आपका दिल से स्वागत है।चलने के लिए, मेरी आवाज़ पर हामी भर दी ,ये आपकी इनायत है। अब ज़रा आसान सा हो जाएगा सफ़र,इसमें पाज़ेब की नज़ाकत है।महकती जायेंगी राहें तेरी जुल्फ़ों की तरह,रोक ले किसकी हिमाकत है। -
आपका दिल से स्वागत है"मेरे सफ़र में सहभागिता के लिए,आपका दिल से स्वागत है।चलने के लिए, मेरी आवाज़ पर हामी भर दी ,ये आपकी इनायत है। अब ज़रा आसान सा हो जाएगा सफ़र,इसमें पाज़ेब की नज़ाकत है।महकती जायेंगी राहें तेरी जुल्फ़ों की तरह,रोक ले किसकी हिमाकत है।
महके हैं ख़्वाब उम्मीदों के, जिन सांसों में तूफान चढ़ा है।जो प्यार के नगमे गाते फिरते,हर उस दिल में इश्क़ भरा है।। -
महके हैं ख़्वाब उम्मीदों के, जिन सांसों में तूफान चढ़ा है।जो प्यार के नगमे गाते फिरते,हर उस दिल में इश्क़ भरा है।।
परछाईं का पीछा करते-करते,मेरी उम्र बीत गई तुम पर मरते। तुम भटकी एक रूह हो शायद,इंसान कभी भी ऐसा नहीं करते। -
परछाईं का पीछा करते-करते,मेरी उम्र बीत गई तुम पर मरते। तुम भटकी एक रूह हो शायद,इंसान कभी भी ऐसा नहीं करते।
ऐ जन्नत ए हूर जमीं पे, इतना न इठलाओ ,ऐ जवानी का रंग हमेशा न रहेगा। खींच लेने दो एक तस्वीर निगाहों से, कम से कम ये चेहरा तो दिल में याद रहेगा। -
ऐ जन्नत ए हूर जमीं पे, इतना न इठलाओ ,ऐ जवानी का रंग हमेशा न रहेगा। खींच लेने दो एक तस्वीर निगाहों से, कम से कम ये चेहरा तो दिल में याद रहेगा।
जब तक ना मिले साथ रहने के लिए घौंसले में कोई,तुम परिंदों की तरह, आसमान में तब तक घूमते ही रहना। -
जब तक ना मिले साथ रहने के लिए घौंसले में कोई,तुम परिंदों की तरह, आसमान में तब तक घूमते ही रहना।
तू मुझ पे हुस्न लुटा देना, मैं तुझ पे जवानी,मैं तेरे महलों का बन जाऊंगा नौकर, तू मेरी रानी। ज़रा सी उम्मीद वफ़ा की,ओ तेरी मेहरबानी,इसी खुशी में गुजर जाएगी, अपनी ऐ जिंदगानी। -
तू मुझ पे हुस्न लुटा देना, मैं तुझ पे जवानी,मैं तेरे महलों का बन जाऊंगा नौकर, तू मेरी रानी। ज़रा सी उम्मीद वफ़ा की,ओ तेरी मेहरबानी,इसी खुशी में गुजर जाएगी, अपनी ऐ जिंदगानी।
उजड़ा हुआ सा गुलशन है,जब से रूठा हुआ माली है मेरा। धक धक तो उसके नाम से करता है मगर,दामन ख़ाली है मेरा । -
उजड़ा हुआ सा गुलशन है,जब से रूठा हुआ माली है मेरा। धक धक तो उसके नाम से करता है मगर,दामन ख़ाली है मेरा ।