एक फनकार कभी मारता नहीं ,
उसकी हत्या होती हैं
जी हां और वो हत्या आप और हम करते है,
राहत साहब आज हमारे बीच नहीं है, उनकी शायरी कविताएं उन्हें जिंदा रखेगी ! लेकिन कब तक??
हम तो ज़िंदा को जीने नहीं देते , उसकी कला का सम्मान न करके हम तो जीते जी उसे मार देते है!
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Anuj Kumar
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Joined 2 June 2019
11 AUG 2020 AT 20:52
11 AUG 2020 AT 20:46
आज जो ये चारो ओर मेरी मौत का शोर है
इनसे कहो मैं एक रोज ज़िंदा भी था !-
11 AUG 2020 AT 20:44
इक रोज तो ये होना ही था
आगोश में मौत के सोना ही था
पर ऐसे जाओगे ये सोचा न था
अभी तो ज़िन्दगी पे और भी रोना था-
11 AUG 2020 AT 20:41
मुझे अब अपनी ही दुनिया में जीने दो
तुम्हारी दुनिया बड़ी बेरहम है साहब!-
11 AUG 2020 AT 20:39
"जिस्म" बेच देंगे, रूह बेच देंगे
'सौदागर' मेरी "मौत" बेच देंगे
(मीडिया को समर्पित)🤐🤐-
13 JUL 2020 AT 9:37
गलत के खिलाफ जब तक बोल सकते हो बोलो,
पता नहीं कब सरकारी नौकरी लग जाए और तुम मौन हो जाओ।🤐🤐-
6 JUL 2020 AT 16:15
इज़्ज़त और प्यार
ज़िन्दगी रहते ही दे दिया करो
रूह "तख्ती" पड़ने नहीं आती !-