शब्दों पर सजी मात्रा, मीठे सरल से बोल
हिंदी भाषा का सौंदर्य है सबसे अनमोल।-
तेरे लबों के निशान मेरे रुमाल पर है,
उसको देख मेरे होंठ हड़ताल पर है,
यूं फकत मैं ही नहीं जो दीवाना तेरा,
झुमकों की भी नज़र तेरे गाल पर है।-
हैरत है कि बरसो बाद तुम हमसे मिलने आ गए
यानी मौसम गुजरने के बाद फूल खिलने आ गए
हमने तुम्हारी तारीफों के पुल बांधना नहीं छोड़ा
और तुम यहां हमारी गलतियां गिनने पर आ गए-
घड़ी, हर घड़ी घूरती रही मुझे
घड़ी, हर घड़ी कहती रही मुझे
तेरा समय आएगा नहीं, तुझे लाना पड़ेगा
अपने समय को तुझे खुद बनाना पड़ेगा
बनाना होगा तुझे एक जीवन भी,
जिसमें तू खुश रह सके
जिसमें तू मन मुताबिक रह सके।-
चलो आदतें खराब करते हैं
हम प्यार बेहिसाब करते हैं
तुझ से नशा है, तुझ में नशा है
तेरे होंठ पानी को शराब करते हैं।-
मरता नहीं वो खाना न मिलने पर
ऐतराज़ है सबको उसके उड़ने पर
पिंजरे के पंछी ने ख्वाब देखा था
आसमानी रंग मिले हैं तकिए पर-
एक तस्वीर है बनाई तुम्हारी
है सिर्फ उसमें परछाई तुम्हारी
बाजार से कंगन लाया हूं,
थामने दो कलाई तुम्हारी।-
सुनो ना,
बाहर जाना जरूरी है क्या?
शायरी भी छोड़ रहे हो,
कोई मजबूरी है क्या?
अगर मजबूरी नहीं,
तो रुक जाओ,
कोई रास्ता निकाला जा सकता है
मैने बहुत लोगों से सुना है,
शायर बनकर भी घर संभाला जा सकता है।
हां, माना यह सफ़र आसान नहीं,
कभी खुद से तो कभी अपनों से लड़ना होगा,
पर यह भी सच है की,
कठिनाइयों का सामना करके ही तुम्हें चलना होगा।
जिंदगी तुम्हारी, कहानी तुम्हारी, मेहनत तुम्हारी,
अपने फैसले भी तुम खुद ही लिया करो।
कहने वाले तो कहते ही रहेंगे,
आज से तुम खुद के लिए ही जिया करो।-