घड़ी, हर घड़ी घूरती रही मुझे
घड़ी, हर घड़ी कहती रही मुझे
तेरा समय आएगा नहीं, तुझे लाना पड़ेगा
अपने समय को तुझे खुद बनाना पड़ेगा
बनाना होगा तुझे एक जीवन भी,
जिसमें तू खुश रह सके
जिसमें तू मन मुताबिक रह सके।-
चलो आदतें खराब करते हैं
हम प्यार बेहिसाब करते हैं
तुझ से नशा है, तुझ में नशा है
तेरे होंठ पानी को शराब करते हैं।-
मरता नहीं वो खाना न मिलने पर
ऐतराज़ है सबको उसके उड़ने पर
पिंजरे के पंछी ने ख्वाब देखा था
आसमानी रंग मिले हैं तकिए पर-
एक तस्वीर है बनाई तुम्हारी
है सिर्फ उसमें परछाई तुम्हारी
बाजार से कंगन लाया हूं,
थामने दो कलाई तुम्हारी।-
सुनो ना,
बाहर जाना जरूरी है क्या?
शायरी भी छोड़ रहे हो,
कोई मजबूरी है क्या?
अगर मजबूरी नहीं,
तो रुक जाओ,
कोई रास्ता निकाला जा सकता है
मैने बहुत लोगों से सुना है,
शायर बनकर भी घर संभाला जा सकता है।
हां, माना यह सफ़र आसान नहीं,
कभी खुद से तो कभी अपनों से लड़ना होगा,
पर यह भी सच है की,
कठिनाइयों का सामना करके ही तुम्हें चलना होगा।
जिंदगी तुम्हारी, कहानी तुम्हारी, मेहनत तुम्हारी,
अपने फैसले भी तुम खुद ही लिया करो।
कहने वाले तो कहते ही रहेंगे,
आज से तुम खुद के लिए ही जिया करो।-
हम बिन कैसे होगा गुजारा तुम्हारा
सिवाय मेरे है कौन सहारा तुम्हारा
सारी उम्र कर्ज़ में डूबे रहोगे तुम,
गर हम करने पर उतर आए हमारा तुम्हारा।-
खुशी की बात है, गम कम हो रहे हैं
खुद से ज्यादा तुम्हारे हम हो रहे हैं
सबके लिए बचा है प्यार ही प्यार
गिले शिकवे सारे खतम हो रहे है-
मेरी हकीकत, मेरा ख़्वाब तुम हो,
मैं एक काटा, लाल गुलाब तुम हो,
खुश रहने पर मेरे इतने सवाल?
सारी खुशियों का जवाब तुम हो।
मेरी मुस्कान की वजह तुम हो
जहां भी देखूं हर जगह तुम हो।-
हाथ उठाने से पहले ही दुआ तेरी कबूल हो जाए,
दुनिया में तुझे इतनी कामयाबी मिले,
की तेरे साथ तेरी परछाई भी मशहूर हो जाए!-