Hum fir milenge....
Kab kha kaise....
Mujhe nhi bta....
Par hum fir milenge....
Purani yaado ke sath....
Adhure kisso ke sath...
Bhingi aankho ke sath...
Hum phir milenge....
Kab kha kaise mujhe nhi pta..
Par hum fir milenge....
Bas
aap se itna hi kahna hai..
dil ke kisi kaune me yaad rakhiyega...
Ki jab mulakat ho to....
Ye nayan bhig jai...
hoto pe muskan aaye..
Aur fir gaale se laga lijiyega...
Apna yaar samajh kar....
Bas itna hi kahna tha ki...
Hum phir milenge ...
Kab kha kaise ...
Mujhe nhi pta...
Par mujhe yakin hai...
Hum fir milenge....
-
Lets fly away in the deep sky
where no light comes where no dark arise.-
है अंश नही ,
है तू सब कुछ मेरी
तुझसे खुशी,
तुझसे जिंदगी
मैं हू पिता ,
तू मेरी "शिवांगी "-
वास्तव में कविता तो कुछ भी नही
बस जो खत कभी दे ना पाए
अब पंतिया बन गए ।
वास्तव में कविता तो कुछ भी नही
बस जो लम्हे जी न पाए
अब शब्द बन उभर आए ।
वास्तव में कविता तो कुछ भी नही
बस जैसा तुमको जिया
वैसा उभर आए ।
-7836-
जिंदगी शुक्रिया .......
तूने हर ख्वाइश पूरी की
जब ख्वाहिश ही ना रही किसी की
- 7863-
.................हम फिर कभी और लड़ लेंगे ...........
बंधु मेरे ,
परिवार पर विपदा बड़ी आन पड़ी है
काली घनघोर संकट विकट आन पड़ी है
अभी ना आरोप प्रत्यारोप का छन् है
हर पल मीटता अपना ही जन है
हम फिर कभी और लड़ लेंगे
जी भर के एक दूसरे की खामियां खोज लेंगे
पर अभी साथ चल .......
हम फिर कभी और लड़ लेंगे ।।।
- 7863
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उम्र को चीर कर
मै बस चलता रहा
सब कुछ खोकर भी
मै बस हस्ता रहा
जिंदगी तेरी गीत को
मै बस गुनगुनाता रहा
लेकर सबको मै चला
कुछ पराए कुछ अनचाहे
सबको अपना बनाता चला
उम्र को चीर कर
मै बस चलता रहा ।
- 7863
जन्म दिन कि हार्दिक शुभकामनाएं पापा जी
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मै मोहब्बत के सफर में वफादारी की कश्ती ले कर चला था,
एक शक के झोंके ने मेरी कश्ती ही डूबा दी .....
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दीपावली पर्वकाले शुभाशयः
आओ खुशियों के दीप जलाए
राष्ट्र नाम - प्रथम दीप जलाए
द्वितीय दीप हो विद्यालय के नाम
तृतीय दीप सैनिकों को सम्मान
चतुर्थ दीप में कोरोना योद्धाओं को सलाम
पंचम दीप है किसानों के नाम-
चलो ये दीवाली कुछ खास बनाए
अपने दिये से, अपनों का घर रोशन कर आए ....-