परख से परे है........
ये शख्शियत मेरी....
मैं उन्ही के लिए हू...
जो समझे कदर मेरी.-
Anubhav Sharma
(अल्फाज)
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Joined 6 March 2019
13 JAN 2022 AT 14:46
10 JAN 2022 AT 23:20
मुझे तुझसे कोई शिकवा या शिकायत नही
शायद मेरे ही नसीब मैं तेरी चाहत नही
मेरी तकदीर लिखकर खुदा भी मुकर गया
जब मैंने पूछा तो बोला ये मेरी लिखावट नही-
5 JAN 2022 AT 17:05
नींद और मौत मैं फर्क सिर्फ इतना है
एक आती नही
एक का इंतज़ार बर्दाश्त नही होता।-
5 JAN 2022 AT 17:02
फीके मैं थोड़ा स्वाद चहिये
फितरत है फसाद चहिये
जीत नही तो मौत सही
सोच मगर आजाद चहिये-
23 DEC 2021 AT 19:01
शिकायत भी दुनिया की किससे करू मैं
ये दुनिया भी तो हमने बनाई है यारो।-
29 NOV 2021 AT 5:59
बहुत मुश्किल है जहां में चाहत को समझना
कई रंगत है चाहत की कई ढंग हैं जताने के |
समझना यूँ कि मुक़म्मल हो जाएगी इक दिन
महज़ ज़रिया हैं अपने दिल को आज़माने के |
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29 NOV 2021 AT 5:57
तेरा सवाल क्यों इतना लगता सरल है
सिर्फ़ प्रेम ही तो तेरे सवाल का हल है-