ताउम्र तुम घरोंदा बनाते जाओगे ,
लोग बड़ी तसल्ली से उजाड़ते जायेंगे
पर ज़रासी बदसुलूकी से अगर खुद को बना लिया ऐ मुसाफ़िर
तो ज़ुर्रत है क्या किसी की जो कुछ उखाड़ भी पाये !!-
Anubhav Bhardwaj
(Anubhav Bhardwaj)
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गेरो में ढूँढोगे शख्सियत अपनी तो खुद को भी खो दोगे,
मत पुछो मेरे किरादर के बारे में वर्ना त... read more
मत पुछो मेरे किरादर के बारे में वर्ना त... read more
Joined 31 August 2017
27 JAN 2021 AT 2:56
14 SEP 2020 AT 22:08
ना कोई समझ सका तुझ बिन ना कोई समझ सकता है
तू ईश्वर सा है पिता
तुझ बिन क्या है ज़िंदगी
बस एक चिता है !!-
18 AUG 2020 AT 0:00
Na samjh saka koi mujhe ye fitrat ki baat hai...
Koi ho is jaha mein apna ye kismat ki baat hai-
18 JUL 2020 AT 16:12
तूने कह भी दिया कि कुछ भी नहीं हु में तेरे लिये !!
पर तेरी मोह्हबत ने तुझे मेरा कर रखा है !!-
7 JUN 2020 AT 0:41
मुकद्दर में ही हो अगर तनहा उम्र !!
तो क्या हमराही और क्या सफर !!-
7 JUN 2020 AT 0:28
पूरी दुनिया को जीतता सिकंदर चाहिए ,
अब तू ही बता ऐ खुदा
अखिर खुद से हारा इंसान किधर जाए-
5 JUN 2020 AT 16:32
हालात और हादसों से कब तक खुद को बचाऊ
तू अगर इज़ाज़त दे तो ऐ ज़िंदगी
क्या मैं मर जाऊ ??-
27 MAY 2020 AT 22:51
गुमशुदा रास्तों पर गुम सा में,
तुम्हारे साथ बस तुम सा में ।।-
25 APR 2020 AT 22:50
कभी इन रास्तों पर शोर शराबा था,
पर आज ये मोन है ।।
पूछ रहा ये विचलित मन मुझसे, ये चारदीवारी
में बंद तू कोंन है ।।-