भूल जाना भूल जाना कोई दोस्त भी थी तुम्हारी, उस दोस्ती में... है ही क्या... अब उस दोस्ती में है ही क्या... जिस दोस्ती में कभी दोस्ती थी ही नहीं l ना गम छुपे थे, ना आंसू रुके थे... ना गम चुपे थे, ना आंसू रूके थे, सयाद अब तुम ये समझ लेना की उस जिंदगी में कभी जिंदगी थी ही नहीं।
अब ना नंबर रखनी है और ना ही दोस्ती l कभी-कभी दोस्ती प्यार से ज़्यादा रुलाती है और कभी-कभी दोस्ती ज्यादा प्यार भी दे जाती है, किसी राजा की रानी बनना बड़ी बात नहीं है लेकिन किसी दोस्त की रानी बनना बहुत बड़ी बात है l
अब बात करूँ वी तो किससे ना कोई साथ है ना कोई पास है ना कोई पूछता है ना कोई हंसता है अब सीख गई हूं अकेला रहना अब सीख गई हूं मुस्कुराना अब सीख गई हूं अकेला हसना अब सीख गई हूं अकेला रोना मम्मी, डैडी, भाई को भी श्रीफ यही सुना-ना हैं की हाँ! मैं ठीक हूँ... हाँ! मैं खुश हूं... हाँ! मैं खा लुंगी... हाँ! मैं सो जाऊंगी... जी पढाई भी अच्छे से करूंगी.. हाँ! अब सीख गई हूं अकेला रहना l
I don't need your time I don't need your trust I don't need your belief I don't need your support I don't need your respect I don't need your money I don't need your attention I don't need your likeness I don't need your help I just want to be quiet Till it is my last night.
Being with only one who naturally brings out your inner child, makes you smile, never stops flirting with you, and loves you a little more on your tough days.