कभी कभी परिणाम हमारे हक में नहीं होते
कई बार संघर्ष लम्बा चलता है
इसका ये मतलब तो नही की हम प्रयास नही कर रहे
देर से ही सही एक दिन परिणाम हमारे हक में होगा।-
Papaaa❤️
Kathak...
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उपन्यास-12th Fail, चित्... read more
अहसास सिखाये या पढ़ाये नही जा सकते
वो तो अपने आप उपजते है
मन के किसी कोने में
जैसे जंगल में उग जाती है जंगली घास।-
लौटती हुई हर चीज वापस पहले जैसी नहीं रहती।
पुराने रिश्ते वापस लौटते है तो पहले जैसे नहीं रहते।
किताबों में रखे सूखे फूल वापस गुलदस्ते में नहीं रखते क्योंकि पहले जैसे नही रहते।
नदियों में बहाए फूल वापस लौटते है तो उन्हे नहीं लेते क्योंकि पहले जैसे नहीं रहते।-
सुना है कि बेटी की शादी में खेतों को गिरवी रख देते है माता पिता..और आज देख भी लिया कि बेटे की शादी में भी खेतों को गिरवी रख दिये जिससे ही रोजी रोटी चला करती थी।
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जिन्दगी में कुछ भी अचानक से नही होता
हालात इतने धीरे-धीरे बदलते है कि ध्यान ही नहीं जाता लेकिन ध्यान देना चाहिए उन बदलाव पर जो जिंदगी को बदल रहे होते है।-
आपनों की तकलीफे हमें बहुत कमजोर बना देती है
और कितनी आसानी से हमारी सोच,हमारे उसूल डगमगा जाते है।-
शुरुआत हमेशा पहली बार से ही होती है
पहली बार का अनुभव कुछ अलग ही होता है
जैसे पहली बार इंटरव्यू कॉल होना।-
इंतजार....
ट्रेन अपनी रफ्तार से चल रही थी।
5 साल पुराने खत को देख रहा था,इस दुख के साथ की जिससे मैंने प्रेम किया उसने मेरी आवाज भी नहीं पहचानी
शादी भी कर ली और विदेश जाकर बस गई,ये सब उसके घर जाने पर पता चला...
उसने इन्तजार भी नहीं किया मेरा..
क्या किसी को भूलना इतना आसान होता है।
माँ का फोन आया - सात्विक...बेटा कब आएगा..इस बार भी बहुत अच्छा रिश्ता आया है,और पिछले कई सालों से मना कर रहा है, इस बार मना मत करना।
हहहहां माँ.. मैं जल्द ही आ रहा हूँ घर..
हाथो से वो खत जो प्रेम कि निशानी हैं उनको चलती हुई ट्रेन से बहती हुई पवित्र गंगा नदी में बहा दिये।
उन सफ़ेद रंग के कागजो में से नीले रंग की स्याही अलग हो रही थी,एक एक कर वो पत्र गंगा नदी में समा गए।
मेरा प्रेम पवित्र था या यूं कहूं हैं...-
कई दिनों बाद मिल रहे थे हम, मैंने ही पूछ लिया कहॉं है तुम्हारी पोस्टिंग।
जैसलमेर...
मैं जरा रुकी और पूछ ही लिया.. पर क्यूँ इतना दूर ??
यहाँ बारिश बहुत होती है और बारिश में तुम याद आती हो।-