फूंककर गैर कर देती हूँ हर चाहने वाले को,जलकर राख हुई हूँ मोहब्बत में जब से । - मृगांका
फूंककर गैर कर देती हूँ हर चाहने वाले को,जलकर राख हुई हूँ मोहब्बत में जब से ।
- मृगांका