5 APR 2018 AT 20:06



निशां कोई छूट न जाये अब, फैसले बह न जाये जो लिये सख़्त ..
अब जो मेरे दिल ने दिमाग के कदमों पर चलना शुरू किया है,
तो बैरी ये आसमाँ यूँ बरस कर बिखेर न जाये सब !!

- मृगांका