निशां कोई छूट न जाये अब, फैसले बह न जाये जो लिये सख़्त ..अब जो मेरे दिल ने दिमाग के कदमों पर चलना शुरू किया है, तो बैरी ये आसमाँ यूँ बरस कर बिखेर न जाये सब !! - मृगांका
निशां कोई छूट न जाये अब, फैसले बह न जाये जो लिये सख़्त ..अब जो मेरे दिल ने दिमाग के कदमों पर चलना शुरू किया है, तो बैरी ये आसमाँ यूँ बरस कर बिखेर न जाये सब !!
- मृगांका