उनका वो प्यार फिर भी
नखरे दिखाती हूं मैं,
अच्छा लगता है उनका वो मुझे मनाना
और जानबूझ कर मुझे सताना, शायद जानते हैं वो भी
शायद, जानते हैं वो भी फिर भी मेरे नखरे उठाते है,
मेरे छोटी-छोटी बातों पर नाराज होने के बाद भी
वो मुझे मनाते हैं,
हैं नहीं गुस्सा उनमें जरा भी
हाय, बेचारे फिर भी फंस गए गुस्से वाली के प्यार में।
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