Ansuman Das   (~~Ansuman~~)
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Founder at SOIL Trust
Social worker
Sociology Department
NISER, BBSR
Joined 15 May 2018


Founder at SOIL Trust
Social worker
Sociology Department
NISER, BBSR
Joined 15 May 2018
5 SEP 2024 AT 10:01

ये दिल किसी और केलिए
इन आंखों को भिगोना मत
कभी गालियों के मोड़ पे
कोई प्यार मिले तो सिमटना मत
बेहत दर्द होता है इसी प्यार में
इस दिल में किसीको पनाह देना मत
लोग आएंगे और चले जाएंगे
ये दिल तुम बिखरना मत

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12 JUN 2024 AT 20:11

In our society, the 'have-nots' never get the attention of God despite their full dedication, while the 'haves' always get attention with little effort.

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29 MAY 2024 AT 16:20

ତୁ ଆଦ୍ର ଗଭୀର ସମୁଦ୍ର ର ଜଳରାଶି
ମୁଁ ଶୁଷ୍କ ବାଲିର ମରୀଚିକାର ବେଳାଭୂମି l

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5 MAR 2024 AT 1:20

"Admire the stars with a gentle gaze; their beauty, a celestial melody. Yet, the moon claims our attention, for the stars remain distant dreams beyond our grasp"

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8 JUN 2023 AT 23:27

सफर लम्बा था पर भरोसा था की पहुंचेगे ज़रुर ।
कितने ख्वाब सिमटे थे उन आंखो में ।
अपने सपने को झोली में सिमट के निकले थे अपनी मंजिल के और ।
किसे पता था ओ जो टिकट था उनके हाथ में ओ मंजिल का न था ।
ट्रेन के ओ बढ़ती रफ़्तार के साथ कितनो के सपने यूहीं चुटकी में बिखर गए ।
कोई बाप अपनी बेटे को लासो के ढेर में ढूंढते रह गया तो कोई बेटा अपनी मा को आग देने से पहेले खुद आग के झांसे में आगया।
यूँ बिना कुछ कसूर किये कितनो के सपने रात की अंधेरों में ट्रेन के डीबो के साथ बिखर गए।

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7 DEC 2022 AT 8:49

इतने दिनों बाद उनसे मुलाकात हुई तो,
धड़कन थम सा गया, रुक सा गया ।
मानों जैसे पानी थम गयी हो बर्फ सा,
सर्दी के इस सुहाना मौसम में ।
ये इतनी सी बक्त की मुलाकात हमारी,
ओ सारी पुरानी यादे ताजे करदिए।
ओ लम्हे, उनके साथ बीती हुई हर एक पल,
मानों जैसे दिमाग से झांक के बोलने लगे
यूँ तो आप केलिए बक्त रोक लेंगे
आप कभी बेबक्त मिलना तो शुरू करो ।

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18 JUN 2022 AT 16:08

As soon as I opened my eyes,
something had changed.
Rain, rain, rain!
The gentle rain,
You have a lovely way of expressing
your tenderness for the Earth.
Rain, rain, rain!
The adorable rain,
As if every drop of yours is
reaching for the earth's core.
Rain, rain, rain!
The affectionate rain,
As though you were bringing
frost to your lover's heart.

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25 FEB 2022 AT 3:51

listen to the sound of the night
get lost in its Darky Song...
don't afraid be patient
look forward to the morning
new morning tune brings
Bright dream for you.😊

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7 FEB 2022 AT 6:42

तुम्हारी लाबों की ओ स्पर्श
गुलाबों के पंखुड़िया सा है
तुम्हारी ओ महक गुलाबों सा है
तुम नाजूक हो व गुलाब सा
उस गुलाब को में कौनसा गुलाब दु
जो है गुलाब से अधिक सुंदर सा

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16 JAN 2022 AT 21:02

आज इतने दिनों बाद आई उनकी कुछ यादें ।
कुछ दिनों से लिखने की आदत ही छूट गई थी ,
सोचा क्यूं ना उनके खयालों को लब्ज दिया जाए ।
कभी उन्हें दूर से देखा तो कभी देखा करीब से ।
कभी उन्हें महसूस किया तो कभी हातों से स्पर्श किया ।
कभी उनसे बिखरती महक को महसूस किया तो
कभी अपने आंखों से उनकी तस्वीर बनाया ।
क्या बात थी उन हसीन नजारों में ?
और खुदसे पूछा क्या इतनी सादगी आजभी है उनमें ।
क्या उन हसीन वादियों में आज भी,
शरारती हवाएं फूलों को परिशान करते हैं ।
क्या उन सुबह और साम में आज भी ओ महक है ?
ओ गाँव की प्रकृति ही है ।
जिसके चरणों में कुछ अलग ही बात है ।
जो इन शहरों की आबादियों में नहीं ।

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