शिक्षा और विद्या में मूलभूत अंतर है।
हमारे यहां नाम तो विद्यालय है लेकिन काम शिक्षा का हो रहा है।

विद्या अर्थात विद्या ददाति विनयम हमारी संस्कृति में विद्यार्थी कहा गया है आप चाहे तो ले सकते हैं शिक्षा, लेकिन विद्या परम उद्देश्य परम लक्ष्य है विद्यार्थी के जीवन का।

शिक्षा मशीनी होती है मनुष्य को मशीन बना देती है।
जिसके अंदर संवेदना,दया,प्रेम,विनय जैसे गुण नहीं रहते।

विद्या का केवल एक ही उद्देश्य है मनुष्य को दयावान, शीलवान,संस्कारवान, चरित्रवान बनाना।।

- अनपढ भारतीय इटावा (उत्तर प्रदेश)