अंशुम••©️   (••अंशुम पटेल••©️🚩)
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Joined 19 July 2021


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3 OCT 2022 AT 11:08

तुम चलीं गयी
मैं तन्हा अकेला रह गया.,
तुम देखते देखते किसी और की हो गयीं
मैं तड़पते तड़पते मर गया ••

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24 SEP 2022 AT 3:48

हमे जगा रखा है उनकी 'गहरी बीती' यादों नें
पर ''उन्हें'' जगा रखा है किसी की मीठी.मीठी बातों ने••

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24 SEP 2022 AT 2:35

बड़ा अच्छा लगा आज रात••
मुझे रोते हुए खुद को देखकर सीसे में
कि ये वो ही शख्स है जिसने ''उसके''
चक्कर में दुनिया ही भुला दी थी
आज उसी ने इसको भुला दिया°°

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20 SEP 2022 AT 18:22

पिता जब कष्ट में होते हैं पीड़ा से कराहते रहते हैं,
घर परिवार दुखीः न हो वो बाहर से हसते रहते हैं,
तवियत की पूंछो उनको जब वो हैं ठीक बताते हसकर तब,
पर पेंड़ कष्ट में होता जब तब डाली भी पीड़ा में होती है
है तने से दूर बहुत सहला उसे न पाती है
अंदर ही अंदर घुट घुट कर डाली तब रोती जाती है,
माली जब बगीचा जन्मता है धूप,छाँव,उमस,और
कपकपाती सर्दी में उसी पर प्यार लुटाता रहता है
कोमल कोमल से पौधों को वह रक्त पिलाता जाता है
पर वो कोमल से पौधे जब विशाल वृक्ष बनकर भी
माली को फल न दे पाये उसको अपनी छाया से
सुन्दर सुख न दे पाये फिर धिक्कार है उस वृक्ष को
जो रक्त का कर्ज न चुका पाये कठिन समय में बेटा जब
पिता की हिम्मत न बन पाये,चलने में दिक्कत हो
उनको जब बेटा न लाठी बन पाये,
तो होते वो अभागे बाप नहीं अभागा तो वो बेटा है
जो मुश्किल में बाप के पास नहीं ,
मंदिर मस्जिद पूजो जितने गर पिता की हिम्मत न बन पाये
तो समझो जैसे स्वर्ग में रहकर भी अमृत से बंचित रह जाये ,
.... मैं वो ही अभागा वृक्ष हूँ
हाँ मैं वो ही अभागा बेटा हूँ
इस संसार की भागदौड़ में
घर से दूर आ बैठा हूँ
हाँ मैं वही अभागा बेटा हूँ 🙏😞

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20 SEP 2022 AT 14:45

अरे कैसा ये धुआं छाया है,
लगता किसी ने यादों के घावों को आज कुरेदा है
या अपने दिल को आग लगायी है...

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20 SEP 2022 AT 14:13

सबके सब देर रात तक जाग रहे
प्रेम प्यार के चक्कर में जांन जाॅं पुकार रहे,
पर हम फोन को सिरहाने रखकर
बजरंग में ध्यान रमा रहे
जय श्री राम🙏 जप जप कर अपने कर्म सुधार रहे...

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19 SEP 2022 AT 14:17


गजल, सायरी, प्रेम ग्रंथ लिख लिख कर सब ने लेखनी को थका दिया
पर मैंने एक शब्द बस ' माँ ' लिख कर लेखनी को ऊर्जावान कर दिया••

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19 SEP 2022 AT 9:11

•• नहीं अब नहीं मिलेंगे
अब हम तन्हा अकेले ही रहेंगे
अब खुद से ही बातें करेंगे
हाँ अब हम 'अंशुम' से ही मिलेंगे
इस तन को गंगा में नहलाकर शुद्ध करेंगे

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8 SEP 2022 AT 19:40

किस्मत भी बड़ा अजीब है मेंरी
एक झटके में राही से राजा बना दिया~••

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5 SEP 2022 AT 1:02

अरे ओ बदले जमाने के बदले लोगों
इतना घमंड ठीक नहीं
मेंरा समय देखकर बदल रहे हो सबके सब
तो सुनो हम इस समय को ही बदल देंगे

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