ÄÑŠHÚĹĂ ŤHÂĶŰŔ   (💕Anshula Thakur 💕)
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Proud to be a mom....A home maker ..
And A teacher who love to write !!
Joined 8 February 2019


Proud to be a mom....A home maker ..
And A teacher who love to write !!
Joined 8 February 2019

मन है कि खूब झगड़ा करूं उससे
दिल खोल कर गिला शिकवा करूं उससे

ज़ेहन की हर बात बताऊं उसको
और जोर से गले लगाऊं उसको

हर बात पर मुलाकात का जिक्र हो जाए
आंखें बंद करूं सामने तू आ जाए

मगर वक्त ज़िंदगी में मिलता नहीं "ख़ामोश"
कभी तुम व्यस्त तो कभी मैं मशगूल

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जाने क्यूं वो याद रह जाता है
जिसको भूलाने की कोशिश में
बाकी सब भूला दिया हमने...

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उम्मीद

बेशक कोई मौसम की तरह बदल जाए
भले कोई वक्त सा करवट बदल ले "ख़ामोश"
तुम उम्मीदों वाली खिड़की हमेशा खुली रखना
इंतज़ार लंबा सही मगर ख़त्म होता ही है....

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और हमारी गलतियों पर
वो कुछ इस तरह नाराज़ हुए
जैसे इंसान नहीं भगवान हैं हम ....!!
और तोला हमको
सही गलत के तराज़ू में
क्या भला कोई सामान हैं हम ....!!
तुमको भला क्या कहेंगे "ख़ामोश"
खुद ,खुद ही की शिकायतों से
बहुत परेशान हैं हम ....!!


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रोज़ देखती हूं ख़्वाब एक और 
रोज़ इक ख़्वाब टूट जाता है ll
रोज़ ख़्वाब की दुनिया में जी कर 
रोज़ नए कुछ ख़्वाब सिरहाने रख कर ...
दिल की दलील सुन कर 
आंखों की दहलीज पर ...
रोज़ एक ख़्वाब सजता है और
रोज़ बिखर जाता है ...
यही ख़्वाब बिखर कर
और निखर जाता है ...
निखरे ख़्वाब को फिर से सजा आंखो में "ख़ामोश"
दिल थोड़ा और संवर जाता है ll

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जीवन को किसी कविता
या किसी कहानी के रूप में
लिखना आसान है..

लेकिन इसे इतनी आसानी से
जीवन जीना बहुत ही कठिन है....

क्योंकि बहुत ही कम लोग ऐसे होते हैं
जो लिखी बातों को समझ पाते हैं

और विरले होते हैं वो जो समझ पाते हैं
जीवन में क्या चल रहा है...!!

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वहां भी पहुंच जाती है
अक्सर जहां मैं नहीं जा पाती ....

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20 DEC 2023 AT 22:53

तुम्हारा पसंदीदा रंग पहनूं हमेशा
या खुद के रंग को छोड़ तुम्हारे ही रंग में रंग जाऊं
वो कौन सा रंग पहनूं
कि तेरी आंखों को भाऊं
या मैं तुम्हें अपने मनचाहे रंग में रंग दूं ?
कैसे टूट कर तुम्हें चाहूं कि सिर्फ तुम्हारी हो जाऊं....
यह काला रंग पहन कर तुझमें डूब जाऊं....
या तेरे अंदर कहीं पिघल जाऊं,
तेरे लिए कौन सा रंग पहनूं "खामोश"
कि तेरी आंखों को भाऊं ......

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16 DEC 2023 AT 23:33

राज़ इस बोझ का
जाने है क्या जो रोज़ थका दिया करता है
कुछ मन का चल रहा द्वंद है
या कोई तन की परेशानी
जाने है क्या जो रोज़ थका दिया करता है
दिल पर बढ़ता दवाब है
या भावनाओं का उड़ता समंदर
जाने है क्या जो रोज़ थका दिया करता है
कुछ पा लेने की इच्छाएं हैं बाकी
या कुछ खो देने का खेद
जाने है क्या जो रोज़ थका दिया करता है.......

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16 DEC 2023 AT 23:18


कुछ ज्यादा लिखा ना जाए तो
बस नाम तुम्हारा लिखकर
लबों से चूम लिया करते हैं.......

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