कर्म कर तू, कर्म कर
कुछ और न तू फिक्र कर
आशाओं को बांधकर
निराशाओं की छुट्टी कर
कोई तुझे न रोक पाएगा
उस मुकाम को तू हासिल कर
मुसीबतें तो आएंगी
उनका तू डटकर सामना कर
अपनी आकांक्षाओं को ऊंचा रख
तू आगे बढ़, आगे बढ़
कुछ रोकेंगे, कुछ टोकेंगे
कुछ गलत कहेंगे, कुछ बुरा और भला कहेंगे
मगर तू रुकना मत,
सही पथ पर चलता जा, चलता जा
रुकावटें तो आएंगी
अपने लक्ष्य की तू गांठ बांध कर
आसमान की ऊंचाइयां नापता जा, नापता जा
मार्ग के नुकीले पत्थरों को हटा
फूल तू बिछाता जा
सुकर्म कर, तू सुकर्म कर
फल तुझे मिलेगा जरूर
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