Anshul Singh  
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24
Professional Artist
Pen and Paper :)
Loves life
Joined 22 April 2018


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Loves life
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5 NOV 2021 AT 11:00

शुरुआत ऐसे हुई, बस में सफर शुरू किया
धीरे धीरे सफर में, हमसफर चुन लिया
शुरुआत गाने लिखने से हुई,
धीरे धीरे गाने गाना शुरू किया।
उन्हें कैसे हम बताते
कि उन्होंने एक डफर चुन लिया
रास्ता पूरा साफ़ था
फिर भी मगर चुन लिया
बिना कहे हो गई थी बातें
ऐसा हाल हो गया था मानो
आग ने समंदर चुन लिया
बस फिर आई दूर होने की बारी
भी सुनना, सुनना हुआ, कहासुनी हुई
खुद से जैसी हुई लड़ाई
फिर बस हुआ वही जो होना था
उसने गाने को हमदर्द बना लिया

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24 DEC 2020 AT 3:13

We all are seeking for someone, who can Heal us (:

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24 DEC 2020 AT 3:04

मन की बात जुबां तक ला के होठों में दबाती हो,
मेरे बिना कहे सब कुछ समझ जाती हो,
कहीं ना कहीं तुम भी मुझे चाहती हो
और बे-फ़िज़ूल की बातें मैं करता हूं, ऐसा तुम बतलाती हो ।।
मालूम है मुझे, तुम्हें किस बात का डर है,
शायद तुम सोचती है कि वो बेखबर है,
पर मेरी चुप्पी में ही मेरी सबर है,
क्योंकि, तुझे चाहा ही मैंने इस कदर है ।
तेरे साए की भी इबादत करता हूं,
तुझे एक नज़र-भर देखने को तरसता हूं,
ज़्यादा बढ़ा-चढ़ा कर भी क्या ही कहूं अब,
पर तेरी एक खबर के लिए भी बे-मौसम सा बरसता हूं ।
खामियां भी बहुत हैं मुझ में और कमियां भी हैं,
बुराइयां भी काफी हैं और गुस्सैल भी हूं
पर हाथ थाम कर देखो तो मेरा,
सफरनामा भी तुम्हें बना लूंगा और हमसफर भी ।

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5 JUL 2020 AT 3:30

अब तो लगता है मेरा ही एक हिस्सा बन गए हो तुम
मेरी कहानी का एक खुश-नसीब किस्सा बन गए हो तुम
मानता हूं बात दोस्ती की हुई थी
पर लगता है बातों बातों में कुछ मुझ-सा बन गए हो तुम ।।
इश्क़ के इस शतरंज ने लगता है हमें भी जकड़ लिया,
भागने की कोशिश बहुत की हमने, फिर भी पकड़ लिया
लगता है इस बार में हार गया पर हारने का गम नहीं
क्योंकि इस हार में जीत का तोहफा बन गए हो तुम ।।
नौका पार लगे ना लगे, किसे परवाह है
इस लम्हे में क्योंकि तू मेरा हमनवा है
थोड़ा पागल, थोड़ा सा बावला हूं मानता ज़रूर हूं
पर मेरी इस छोटी सी दुनिया में मुस्कुराने की वजह बन गए हो तुम ।।

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5 JUL 2020 AT 2:28

सुना है आज कल सब अपने खुदा से उसका हाल पूछा रहे हैं
मैंने भी सोचा क्यों ना तुमसे थोड़ी मशबरा कर लूं (:

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2 APR 2020 AT 1:11

इस बार मेरी कलम ने ही मुझसे पूछा, क्यों करता है तू उसका हर बात में ज़िक्र
हमने भी मुस्कुरा कर कहा, अपने गिरने पर हाल मेरा पूछती थी वो, इतनी करती थी वो मेरी फ़िक्र :)

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22 MAR 2020 AT 10:18

हज़ार तरह के ख्याल दिल में समाए रखता हूं ।
रात बेरात अपने आप से ही जंग लड़ता हूं ।
मुझे ही पता है तेरे बिना कैसे सांसे लेता हूं ।
रूह तेरे पास ही रह गई लगता है,
तभी तो यूं भीड़ में भी भटकता हूं ।
ना जाने आज भी तुझ पर,
क्यों दीवानों की तरह मरता हूं ।
सपने में रोज़ तू ही नज़र आती है,
पर जाने क्यूं तुझे कहने से डरता हूं ।
सागर हूं मैं अपने आप में,
पर तेरी बूंद के लिए तरसता हूं ।
तेरे एहसास ना मिले तो बस,
बे-मौसम बरसात-सा बरसता हूं ।
पूरा होने के बावजूद भी,
तेरे बिना अधूरा-सा लगता हूं ।
तुम जानती तो हो सच ही बोलता हूं मैं,
शायद तुम्हारे बिना सबसे झूठ ही कहता हूं ।
अब तो लोग भी कहने लगा गए हैं,
कि मैं होश में कम रहता हूं ।
माफ़ करना तुम्हे अकेला छोड़ा मैंने,
पर मैं आज भी तुम्हीं से प्यार करता हूं ।।

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10 MAR 2020 AT 23:25

You know how much I love her,
I take her Screenshots everytime whenever we are at Video Call

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10 MAR 2020 AT 23:23

खिला तो हर लम्हा था हमारे मिलने पर
पर शायद समझ ही नहीं पाए हम दोनों ही प्यार का मतलब
चांद से बातें मैंने भी की हैं,
सुनाई हैं उसने मुझे अकेलेपन की तड़प
गलती तुम्हारी नहीं ठहराता मैं
जानता हूं, समझती थी तुम मुझे पूरी तरह
पर जान कर भी शायद ना जान पाए इक दूजे को हम
बताया था ना कि मामला दिल का है
मुझे ज़रूरत थी तुम्हारी जैसे हो सागर को पानी की तलब

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3 FEB 2020 AT 2:53

तेरी बराबरी किस से करूं
हवाओं में इत्र सी महकती है तू ,
ज़ुबान पर शहद सी जम जाती है ।
उजालों में चिड़िया सी चहकती है तू ,
जाड़ों में धूप सी रम जाती है ।
ओस की बूंद सी टपकती है तू ,
कभी कठोर नारियल सी बन जाती है ।
कभी बादल सी गरजती है तू ,
कमीज़ की सिलवटों सी तन जाती है ।
झरने में पानी हो जैसे, वैसे बहती है तू ,
धड़कन सी कभी थम जाती है ।
जाम की प्याली का नशा है तू ,
एक घूंट में ही चढ जाती है ।
बराबरी करू भी तो किस से करूं ,
तू तो खुदा है मेरा जो इबादत से नसीब आती है ।।

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