टूटने लगे ह पत्थर भी अब कांच ही अच्छे
अरे नही चाइए मेला, हम 5 ही अच्छे।🤫-
तो किसी ने पूछा था मुझसे क्या अभी भी याद आती ह मेरी ...?
तो मेने कोई जवाब तो नही दिया लेकिन दिल ही दिल में कहा नहीं तुम्हारी याद नही आती अब याद। आती ह उसकी जो कभी तुमसे इश्क किया करता था।
जिसने तुम्हारे अलावा किसी को अहमीतियत नही दी।
जो तुम्हारे जाने से टूट गया था। और.....
उसे बरसो लगे थे संभलने में।
अब तुम्हारी याद नही आती अब उस इंसान की याद आती ह जिसे इश्क था तुमसे।-
वो ज़माना गुज़र गया कब का,
था जो दीवाना मर गया कब का,
उस का जो हाल है वही जाने,
अपना तो ज़ख़्म भर गया कब का !
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नहीं लगेगा उसे देख कर मगर खुश है
मैं खुश नहीं हूँ मगर देख कर लगेगा नहीं...🥲-
नही कोई वाकिफ !!
कितने दर्द लिए चलता हू।
टूटता हू हर सुबह
जब आईना देखता हु।
झूम के चलता हू, हस के मिलता हू,
में रोज ऐसे कितनो को दगा देता हू।-
कहते है आईना कभी झूठी परछाई नहीं दिखाता
लेकिन मेरी तो रूह बदल चुकी
और बदली हुई रूह की परछाई दिखाने वाला आईना
अभी तक बना नहीी🌚
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सारे अपने रूठे थे मुझसे
किस किस को मनाता।
इसलिए जुदा कर दिया खुद को सबसे,
सब को मनाने में ही जमाना गुजर जाता।😉-
कुछ साल में कितना कुछ बदल गया।
में गिरा, टूटा! ना जाने कैसे संभाल गया!!
अब मुस्कुराता हूं उस वक्त को याद करके,
आखिर में इतने बुरे वक्त से भी निकल गया!!
यही जिंदगी ह, मैने तो बस इतना ही जाना ह
आज के गम में कल मुस्कुराना है।-
कुछ दिनों से उन्हें भी हमारी आदत सी हो गई ह।
शायद शरारत करते करते ,
उन्हे भी हमसे मोहब्बत हो गई ह।❤️😉-