गुलाल का तिलक माथे पर लगाने, दो मुट्ठी फूल लाया तुम पर बरसाने, आओ खेलें होली, हो हल्ला गुल्ला, न कोई हिंदू न सिख, ईसाई न मुल्ला। टेसू के फूलों का पानी संग गुलाब, था रात से छत पर रखा भर के, भिगो रहे भर पिचकारी सब, महका रहे हैं एक दूसरे को खुशबू से। ज़िंदगी यूं ही भरी रहे इन रंगों से, महके खुशबू से गुलाब और टेसू की, सेहतमंद रहें, खुशियां मिलें सबको, इस होली है यही कामना हम सबकी।
एक पल में खुशी, दूसरे पल में आंखों में नमी दे जाता है, कैसा दोस्त है मेरा जो,कभी न कहना हो, वही कह जाता है। मन हो तो लंबी दास्तान भी सुनता है, पलक झपकाए बिन, न हो मन तो, मसरूफ हूं मैं, कह कर रुखसत ले जाता है। कैसा दोस्त है, कहता है कि दूरी बना कर रहना चाहता हूं बस, दायरे खींच, हर उम्मीद को कफन पहना के चला जाता है।
मैं हूं या नहीं हूं, और अगर हूं तो महसूस नहीं होता क्यूं, गर नहीं हूं तो भी बेवजह होना चाहता हूं क्यूं, नहीं होने की वजह है, वजह होने की नहीं क्यूं। खुद के तसव्वुर में एक कहानी बुन रखी है बेपवाह, जिसमें खुद मैं मुझसे झूठ बोलता नजर आता हूं क्यूं। मैं हूं या नहीं हूं यही बात रोज़ पूछता हूं, जवाब मिलता है "नहीं" फिर पूछ लेता हूं कि "नहीं क्यूं "।
कुछ सिमटा हुआ सा, कुछ बिखरा हुआ सा, मेरे ख्यालों से भरा कमरा है ये, करीने से रखा कुछ भी नहीं यहां। ना झांको इसमें, पर्दे में रहने दो, बेतरतीब पड़ा हर ख्याल यहां सिर्फ मेरा है।
This is the glittering festival of light, night is dark but still seems bright, Beautiful Rangoli, delicious food, Light and diyas lit all around, May this festival bring all of us, prosperity by leaps and bound. Health of everyone in the pink, Smile spreads just in the blink, Love, hugs and laughter, with family and friends, Celebrate this Diwali, fusing old and new trends.
All who are not with us today, they are with us every day, in our memories, in our thoughts. In every right step we take, in every success we get, in every moment of love, in every challenge easy or tough. They were here, they are here, they were never gone, they will never go, I feel their blessing-hands on my forehead, I still feel warmth of their blessings even upon my shadow.