Anshul Saxena   (अंशुल #BeSamyak)
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Joined 1 June 2021


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25 MAR AT 10:11

गुलाल का तिलक माथे पर लगाने,
दो मुट्ठी फूल लाया तुम पर बरसाने,
आओ खेलें होली, हो हल्ला गुल्ला,
न कोई हिंदू न सिख, ईसाई न मुल्ला।
टेसू के फूलों का पानी संग गुलाब,
था रात से छत पर रखा भर के,
भिगो रहे भर पिचकारी सब,
महका रहे हैं एक दूसरे को खुशबू से।
ज़िंदगी यूं ही भरी रहे इन रंगों से,
महके खुशबू से गुलाब और टेसू की,
सेहतमंद रहें, खुशियां मिलें सबको,
इस होली है यही कामना हम सबकी।

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19 MAR AT 8:15

एक पल में खुशी, दूसरे पल में आंखों में नमी दे जाता है,
कैसा दोस्त है मेरा जो,कभी न कहना हो, वही कह जाता है।
मन हो तो लंबी दास्तान भी सुनता है, पलक झपकाए बिन,
न हो मन तो, मसरूफ हूं मैं, कह कर रुखसत ले जाता है।
कैसा दोस्त है, कहता है कि दूरी बना कर रहना चाहता हूं बस,
दायरे खींच, हर उम्मीद को कफन पहना के चला जाता है।

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19 MAR AT 7:16

मैं हूं या नहीं हूं,
और अगर हूं तो महसूस नहीं होता क्यूं,
गर नहीं हूं तो भी बेवजह होना चाहता हूं क्यूं,
नहीं होने की वजह है, वजह होने की नहीं क्यूं।
खुद के तसव्वुर में एक कहानी बुन रखी है बेपवाह,
जिसमें खुद मैं मुझसे झूठ बोलता नजर आता हूं क्यूं।
मैं हूं या नहीं हूं यही बात रोज़ पूछता हूं,
जवाब मिलता है "नहीं" फिर पूछ लेता हूं कि "नहीं क्यूं "।

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28 NOV 2023 AT 7:33

कुछ सिमटा हुआ सा, कुछ बिखरा हुआ सा,
मेरे ख्यालों से भरा कमरा है ये,
करीने से रखा कुछ भी नहीं यहां।
ना झांको इसमें, पर्दे में रहने दो,
बेतरतीब पड़ा हर ख्याल यहां सिर्फ मेरा है।

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28 NOV 2023 AT 7:22

मैं तुझ से दूर नहीं,
तू मुझ से दूर नहीं,
ये फासले महज़ शहरों के, इनकी बिसात क्या,
तेरे मेरे बीच मुझे, कुछ भी कुबूल नहीं।

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12 NOV 2023 AT 23:05

This is the glittering festival of light,
night is dark but still seems bright,
Beautiful Rangoli, delicious food,
Light and diyas lit all around,
May this festival bring all of us,
prosperity by leaps and bound.
Health of everyone in the pink,
Smile spreads just in the blink,
Love, hugs and laughter, 
with family and friends,
Celebrate this Diwali, 
fusing old and new trends.


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10 OCT 2023 AT 8:28

कयास तू भी लगा रहा था, और मैं भी,
तुझे इंतज़ार मेरे टूटने का था,
और मुझे परखनी थी मेरे जुड़े रहने की हद ।

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10 OCT 2023 AT 7:53

कुछ दिनों से बहुत शोर होने की,
शिकायत की मेरे पुराने ताल्लुकात ने,
मैंने माफी भी मांग ली कह कर,
कि उन दिनों बहुत खामोश थे मेरे लफ्ज़।

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9 OCT 2023 AT 19:26

कुछ लम्हों की दास्तान थी, कुछ लफ्ज़ों के दरम्यान,
बस इतनी सी इल्तिज़ा थी, कि बयां किसी से न करना।

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19 SEP 2023 AT 22:18

All who are not with us today,
they are with us every day,
in our memories,
in our thoughts.
In every right step we take,
in every success we get,
in every moment of love,
in every challenge easy or tough.
They were here, they are here,
they were never gone, they will never go,
I feel their blessing-hands on my forehead,
I still feel warmth of their blessings
even upon my shadow.

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