Actually I hate last things like last day of school, last day of college, last meeting with someone and more last things. But I wanna love last day of my life... just wanna love it...🤞©
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दिल के अल्फ़ाज़ों को पन्नों पे उकेर दिया करता हूँ, उनकी य... read more
मैं और वो...गणित के उस 'समानांतर रेखाओं' के जैसे हैं, जो 'कभी नही' मिल सकते, पर 'अंनत' पर जरूर मिलेंगे...©
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मैंने आज़माई है अपनी बदकिस्मती को 'सौभद्र'
ग़र दिन को दिन कह दूं तो वो रात हो जाती है...©
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साथ देने की क्या बात करते हो ज़नाब,
हम दोनों ने तो साथ छोड़ने में भी एक दूसरे का साथ दिया है....😊©-
हमनें कल सुबह की फ़िकर में,
ना जाने कितनी सुकून भरी रातों को खोया है...!©-
हमारा समाज फ़टी जीन्स को फ़ैशन मानता है....किन्तु फ़टे जूतों को इंसान की मजबूरी और शर्मिंदगी..😊
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उसके किये सारे वादें मुझे अब सरकारी क्यूँ लगने लगे हैं
कमबख्त दिल जीतने के बाद उसने घोटाले बहुत किये होंगे...©
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मतलबी वो
क्या हुई खता उनसे ? या उनके खुदा से ?
जो उन्हें ऐसी खुदाई दी,
कि उन्हें अपने मतलब के आगे कुछ भी दिखाई न दी।
खिलखिलाए कुछ उस कदर वो कि उन्हें किसी के शोक से कोई दु:खदाई न हुई।
पेट भर खाये वो ऐसे कि उनके आगे बैठे उस भुखे को दो रोटी नसीब न हुई।
साँझ ढलते ढलते वो सो गए कि तनिक देखा भी नहीं किसी की नींद उड़ी हुई।©
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एक लेखक या कवि ख़लीहर होता है
तब तक जब तक वो लिखता है
जब लिखना कम कर दे तब वह कुछ काम करता है और व्यस्त रहता है...!©-
मैं रोता नहीं हूँ,
इसलिए नहीं कि मैं मज़बूत हूँ,
बल्कि इसलिए कि मेरे आसपास बहुतायात कमज़ोर हृदय के लोग हैं। © 😇-