कुछ ख्वाहिशें इस कदर पूरी हुई,
जैसे हज़ार रंगीन ख्वाबों को
जिंदगी के आंचल में निचोड़ दिया हो-
मेरी आंखों का काजल
जो तुम्हें खूब जच रहा है,
दरअसल बीती रात के सपने की
एक कहानी बयां कर रहा है,
महज़ एक श्रंगार की तरह
तुमने इन्हें रिझाया है,
अपनी नजरों से तुम्हारी नज़रें उतारने को
मैंने इन्हें पलकों पर सजाया है।
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ये पत्ते जो शाखों से गिरे,
कुछ सूखे, कुछ नरम,खुश्क, हरे,
सावन इन्हें हथेली में समेटे रहा,
पर एक झोंके ने बेघर ही कर दिया
वो तस्वीर जो बड़ी चाह से दीवार पर लगाई,
जाने क्यों उसका अस्तित्व भी जमीन पर बिखेर दिया?
अब जो छोटी सी बगिया आंगन में सजाई है,
मन कहता है उसे बचा लूं, संभाल लूं
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हर इक जिस्म घायल, हर इक रूह प्यासी
निगाहों में उलझन, दिलों में उदासी
ये दुनिया है या आलम-ए-बदहवासी
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है...
यहाँ इक खिलौना है इन्सां की हस्ती
ये बस्ती है मुर्दा-परस्तों की बस्ती
यहाँ पर तो जीवन से है मौत सस्ती
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है...
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किस पीर से कहूं, या खुदा से कहूं
बहुत हुए इंतेहा, अब मुस्कान भी बक्शे,
जो बक्शे तू मुझे इक राह,
उसे पार करने की चाह भी बक्शे-
क्यों इस तरह से मुझे निहारे तू
नजरों से मेरी खूबसूरती सवारे तू
पीला नहीं, रंग लाल सा है
धूप का नहीं, तुम्हारे नाम सा है-
अगर हमें पाना है तो किताबें तलाशें जनाब,
हम आज कल घरों में नहीं, कहानियों में बसर करते हैं-
नहीं चाहिए मुझे जिंदगी से ज्यादा,
इसकी सुख दे कर छीन लेने की आदत है-
कुछ कहानियों को अधूरे पर खूबसूरत मोड़ पर ही छोड़ देना चाहिए,
किरदारों में मुहोब्बत और रज़ा की हल्की किरण कहीं बाकी रह जाती है,
वैसे तो मुश्किल होता है उन गलियों को छोड़कर जाना,
पर कहते हैं हसीं चीजें अक्सर दिल तोड दिया करती हैं..
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nights are mostly difficult
when the sun sets
and anxiety silently kicks in
your heart paces,
you breath out pain,
cyclone of thoughts
whirl around,
with every passing moment
the night keeps getting longer,
when the fear of nothingness
grows on you,
in the dark in search of solace
you surrender to feel it all,
and find comfort in grief
craving for the dawn,
waiting for the dawn.-