दीवानगी की हद तो यही है कि लोग मेरा चेहरा देखे और आंखों में तू नजर आए ©अंशु हर्ष -
दीवानगी की हद तो यही है कि लोग मेरा चेहरा देखे और आंखों में तू नजर आए ©अंशु हर्ष
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सुकून के पल में तुम मेरे करीब होते हो दूर होते हो मुझसे लेकिन मुझे नसीब होते हो ©अंशु हर्ष -
सुकून के पल में तुम मेरे करीब होते हो दूर होते हो मुझसे लेकिन मुझे नसीब होते हो ©अंशु हर्ष
ख़त्म कर देना हर हिसाब जो दर्द पहुँचाता होमार्च के आखिरी दिनअब जो होगा बेहिसाब होगा .....आ जाओ बैठकर ज़िंदगी का हिसाब करते है चलो कल से फिर एक नई शुरुआत करते है ©अंशु हर्ष #MarchClosing -
ख़त्म कर देना हर हिसाब जो दर्द पहुँचाता होमार्च के आखिरी दिनअब जो होगा बेहिसाब होगा .....आ जाओ बैठकर ज़िंदगी का हिसाब करते है चलो कल से फिर एक नई शुरुआत करते है ©अंशु हर्ष #MarchClosing
तपस्या तो मेरी भी रही होगी इस बड़े कीलबन्द दरवाज़े को खोलकर एक उन्मुक्त संसार में कदम रखने की यूँ ही तो नहीं बनती ना ज़िन्दगी कवितामय ....© अंशु हर्ष -
तपस्या तो मेरी भी रही होगी इस बड़े कीलबन्द दरवाज़े को खोलकर एक उन्मुक्त संसार में कदम रखने की यूँ ही तो नहीं बनती ना ज़िन्दगी कवितामय ....© अंशु हर्ष
एक सपना एक सोचऔर फिर उसके बाद का हौसलाख़ुद के वज़ूद को पहचानने का हुनर और चारदीवारी में खनकती ख़ुशियों को मुट्ठी में कैद करने का जूनून होता है तब ज़िन्दगी खोलती है दरवाज़े नई राहों के जहाँ कविताएं साँस लेती है..!! © अंशु हर्ष -
एक सपना एक सोचऔर फिर उसके बाद का हौसलाख़ुद के वज़ूद को पहचानने का हुनर और चारदीवारी में खनकती ख़ुशियों को मुट्ठी में कैद करने का जूनून होता है तब ज़िन्दगी खोलती है दरवाज़े नई राहों के जहाँ कविताएं साँस लेती है..!! © अंशु हर्ष
तुम मेरे शब्दों में खुद को मत ढूंढा करो मैं तुम्हें नहीं ....खुद को लिखती हूं © अंशु हर्ष -
तुम मेरे शब्दों में खुद को मत ढूंढा करो मैं तुम्हें नहीं ....खुद को लिखती हूं © अंशु हर्ष
एक बादल का टुकड़ा देखमन के विचारों की पगडंडी बनामैं उसे छूने की कोशिश करता हूँ चाहता हूँ उस रुई के फाहे से नर्म बादल को अपनी हथेलियों में भर तुम्हें दे दूं ... © अंशु हर्ष -
एक बादल का टुकड़ा देखमन के विचारों की पगडंडी बनामैं उसे छूने की कोशिश करता हूँ चाहता हूँ उस रुई के फाहे से नर्म बादल को अपनी हथेलियों में भर तुम्हें दे दूं ... © अंशु हर्ष
अब मुझे सिर्फ वो खामोशी उत्साहित करती है जिसमें तुम्हारे साथ का अहसास है ©अंशु हर्ष -
अब मुझे सिर्फ वो खामोशी उत्साहित करती है जिसमें तुम्हारे साथ का अहसास है ©अंशु हर्ष
ज़िंदगी की एक किताब केजिस अध्याय मेंतुम लिखे गए हो वो अध्याय सबसे खूबसूरत है ©अंशु हर्ष -
ज़िंदगी की एक किताब केजिस अध्याय मेंतुम लिखे गए हो वो अध्याय सबसे खूबसूरत है ©अंशु हर्ष
ये अहसास तुम्हारे ही हैइन शब्दों को भले ही नाम अपना दिया है मैंनेअब ये न मेरे रहेंगे न तुम्हारे हो सकेंगेबीच राह के मुसाफिर की तरहअपना सफर तय करेंगेएक अंजान मंज़िल की ओरएक नई राह पर ©अंशु हर्ष -
ये अहसास तुम्हारे ही हैइन शब्दों को भले ही नाम अपना दिया है मैंनेअब ये न मेरे रहेंगे न तुम्हारे हो सकेंगेबीच राह के मुसाफिर की तरहअपना सफर तय करेंगेएक अंजान मंज़िल की ओरएक नई राह पर ©अंशु हर्ष