Anshu Das   (अंशु दास)
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दिल की बाते ✍
Joined 24 June 2020


दिल की बाते ✍
Joined 24 June 2020
13 MAY AT 18:25

किसी की बात बुरी लगे तो उसे deal करने के दो रास्ते है :
अगर कहने वाला ज़्यादा important हो, तो बात भूल जाओ ,
अगर बात ज़्यादा important हो, तो कहने वाले को भूल जाओ.

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13 MAY AT 12:43

जिस दिन आप लोगों की बकवास सुनना बंद कर देंगे,
उस दिन से मिलने वाले कम होते जाएंगे.

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13 MAY AT 12:30

कोई insult करे, तो बिना सोचे समझे react मत करो,
अच्छा तो ये होगा  कि खामोश रहो,
फिर एक दिन सफलता हासिल करके जवाब दो.

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13 MAY AT 12:27

हम जो करते हैं वो important है,
पर हमें जो करना चाहिए और हम नहीं करते हैं,
वो सबसे ज़्यादा important है.

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11 MAY AT 23:21

या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै।। नमस्तस्यै।। नमस्तस्यै नमो नमः।।
परिवार की एकता एवं सुमति की सेतु माँ, संस्कारों की प्रथम शिल्पकार होती है। माँ हमें जीवन देने के साथ ही उसे अर्थमय भी बनाती है।
समस्त मातृशक्ति का वंदन-अभिनंदन!
HappyMothersDay🌹🙏💗🙏🌹

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11 MAY AT 23:08

"आज मदर्स डे है – अच्छी बात है..."
"लेकिन मां के लिए कोई एक दिन नहीं होता।"
"जिसने हमें चलना सिखाया, बोलना सिखाया,
जिसके बिना जीवन की कल्पना अधूरी है..."
"मां को किसी तारीख की ज़रूरत नहीं —
वो हर दिन हमारी पूजा में शामिल होती है।"
#MothersDay
#MothersDay2025

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11 MAY AT 22:43

किसी के भी character पर, attitude पर, comment करने से पहले ये भी जानने की कोशिश करो,उसने अपनी ज़िंदगी में कितना struggle किया, कितना दर्द सहा.

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11 MAY AT 21:57

हर सुबह उम्मीद से शुरू हो,

हर शाम अनुभव से खत्म हो,

तो समझो ज़िंदगी पटरी पर है.

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17 AUG 2024 AT 14:19

महान देश का अंधा कानून रहने दो, अब नारी को भी यार जीने दो, अंग्रेजो से छुड़ाई थी जंजीर गुलामी की, नेताओ ने कस के थाम ली जंजीर गुलामी की, थम जाओ तुम भी अपनी आग बुझा दो, देश सो रहा है, मेरा जरा मोमबत्ती बुझा दो, जो देश देता था सबको जीने की सीख, आज उसमे स्त्रियाँ मांग रही हैं जीने की भीख, महान देश का अंधा कानून रहने दो, अब नारी को भी यार जीने दो,😭

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18 JAN 2024 AT 19:19

"होइहि सोइ जो राम रचि राखा, को करि तर्क बढ़ावै साखा ||"

गोस्वामी तुलसीदास के दोहे में कहा गया है, "होइहि सोइ जो राम रचि राखा, को करि तर्क बढ़ावै साखा". इसका मतलब है कि जो कुछ राम ने रच रखा है, वही होगा. तर्क करने से कोई फ़ायदा नहीं है. इसका मतलब है कि भविष्य के बारे में सोचकर बात को विस्तार देने की ज़रूरत नहीं है ।

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