तू मिरी ख़ातिर कोई वादा न ले मुझसे ए काफ़िर
अभी ख़ुद से मिलने का वादा निभाना बाक़ी है-
Poet of “ My Experiments with Love”, “Mayur “ & “Let Love Prevail On E... read more
हमने तो खुद से भी छिपाया था ज़िक्र तेरा
तूने भरी महफ़िल शर्मा कर इक़रार कर लिया
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वो आसमाँ में रहने वाले जमी को क्या समझते हैं
वो महलों के परिंदे भला कमी को क्या समझते हैं
ये है रहमत ख़ुदा कि हर तरफ़ मौजूद पानी है
वो पत्थर के पुतले वरना नमी को क्या समझते हैं
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वो कहते हैं हम जवानी नही जो ढल जाएँगे
बुढ़ापा बनकर ताउम्र तेरा संग निभाएँगे
कोई समझाओ उन्हें कि मौत हक़ीक़त है
और फिर इक बार हम उनसे बिछड़ जाएँगे
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“सुकून देने आया जो ज़िंदगी में हमारी
मेरी तन्हाईयों में हल चल सी कर गया”
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👫Happy Anniversary 👫
“प्रीत की डोर यूँ बँधी, प्रेम हुआ अनन्त
महक प्रीत की छा रही,जीवन बना बसन्त”-
“Happy Diwali”
Let this light enlighten
Your life with happiness, good health, peace, prosperity & Love 💖-
“लाशें फैलीं हर तरफ़ , छोड़ी ना पर आस
मसल रहे हो तितलियाँ, निश्चित तेरा नास”
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“बैरी मन न मानत अब , जब से लागी प्रीत
साथी मेरी रूह का , तू ही मन का मीत”
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