जिंदगी का वो गुजरा हुआ पल फिर लौट कर आ जाएं,
काश! पापा स्कूटर पर फिर हमको ट्यूशन छोड़ने जाए,
ये जिंदगी कितनी आसान हो जाए,
इस दुनिया की टेंशन से हम अलग-थलग हो जाए,
अगर पापा स्कूटर रोक कर फिर पूछे नाश्ता किया या जलेबी खिलाए,
काश! पापा की स्कूटर पर आगे खड़े हो कर हम फिर मुस्कुराए,
न बोले वो एमएससी हो गया अब इनकी शादी कर दी जाएं,
ये लड़का कैसा है अच्छा वो लड़का कैसा है इन सवालों से हम कैसे खुद को बचाएं,
हमे डर लगता है अनजान से , हम डर लगता है शादी के नाम से,
ये सब बाते अब कैसे हम आपको बताए,
काश !हम फिर बच्चे बन जाए
-