नजदीकियों का एहसास कुछ यूँ हुआ तुझसे जो तूने हाथों को छू,आँखों का सैलाब थाम लिया, बाँध आँखों को आँखों से दर्द-ऐ-हाल जान लिया! -
नजदीकियों का एहसास कुछ यूँ हुआ तुझसे जो तूने हाथों को छू,आँखों का सैलाब थाम लिया, बाँध आँखों को आँखों से दर्द-ऐ-हाल जान लिया!
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चलो फिर से शुरुआत करते हैं..फिर पहली मुलाक़ात करते हैं.. -
चलो फिर से शुरुआत करते हैं..फिर पहली मुलाक़ात करते हैं..
रास्ता नहीं मंज़िल हो मेरी,कल्पना कोई या ख़्वाहिश अधूरीसाथ रह सकूँ तेरे ये हसरत है मेरीक्या है ये मात्र मेरी तृष्णा अधूरी...??? -
रास्ता नहीं मंज़िल हो मेरी,कल्पना कोई या ख़्वाहिश अधूरीसाथ रह सकूँ तेरे ये हसरत है मेरीक्या है ये मात्र मेरी तृष्णा अधूरी...???
कहाँ पता होती है किसी को,वज़ह जीने की..किसी को बेवज़ह तो किसी को वज़ह मिल जाती है! -
कहाँ पता होती है किसी को,वज़ह जीने की..किसी को बेवज़ह तो किसी को वज़ह मिल जाती है!
वाकिफ नहीं हूँ मैं तेरे अल्फाजों से....पर तेरी आँखें भी किताबों का काम करती हैं! -
वाकिफ नहीं हूँ मैं तेरे अल्फाजों से....पर तेरी आँखें भी किताबों का काम करती हैं!
हर दफ़ा हर बार वही हैये जो भी है अधूरा है..... अधूरा ही सही है! -
हर दफ़ा हर बार वही हैये जो भी है अधूरा है..... अधूरा ही सही है!
ऐ वक़्त इतना भी ना मिला कर मुझसेकि हमें साथ ही वक़्त ना मिले.... -
ऐ वक़्त इतना भी ना मिला कर मुझसेकि हमें साथ ही वक़्त ना मिले....
पहले से बेहतर बना देता है इश्क़ तेराधुँधला-सा है जो वो और साफ दिखाई देता है! -
पहले से बेहतर बना देता है इश्क़ तेराधुँधला-सा है जो वो और साफ दिखाई देता है!
बदल गया है वो पर मानता नहीं हैहक़ है मुझ पर उसका पर जताता नहीं है,नजरें मिला के करता था बातें,पर अब नजरें मिलाता नहीं हैबदल गया है वो पर मानता नहीं है! -
बदल गया है वो पर मानता नहीं हैहक़ है मुझ पर उसका पर जताता नहीं है,नजरें मिला के करता था बातें,पर अब नजरें मिलाता नहीं हैबदल गया है वो पर मानता नहीं है!
जिसे दूर से समझ जायें उसी के क़रीब जाना चाहिए....क्या पता कौन कितना गहरा हो? -
जिसे दूर से समझ जायें उसी के क़रीब जाना चाहिए....क्या पता कौन कितना गहरा हो?